चंडीगढ़ में इस शैक्षणिक सत्र से लागू हो सकता है 27 % ओबीसी आरक्षण…
पूरे भारत मे चण्डीगढ़ को छोड़ कर शिक्षण संस्थानो में 27 % आरक्षण का प्रावधान रहा है। तीन दशकों से अधिक चण्डीगढ़ के उच्च शिक्षण संस्थानों में ओबीसी को आज तक 0 % आरक्षण व्यवस्था के चलते 2020 में पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व चेयरमैन माननीय लाल भगवान साहनी की अध्यक्षता में चण्डीगढ़ के UT गेस्ट हाउस में जन सुनवाई हेतु आए थे। तब चंडीगढ़ को रेपेरसेन्ट करते हुए डॉ अजय प्रजापति द्वारा चण्डीगढ़ के अधीन शिक्षण संस्थानों में ओबीसी को आरक्षण न देने बारे तथ्यों सहित रिपोर्ट सौंपी थी और विषय की गम्भीरता को देखते हुए आयोग ने केस रजिस्टर कर UT अद्मनिस्ट्रेशन, पंजाब यूनिवर्सिटी के चांसलर, GMCH 32 के प्रिंसीपल, और नर्सिंग कॉउंसिल ऑफ इंडिया से जवाब मांगा था।
मामले की सुनवाई के दौरान ही पूर्व आयोग का कार्यकाल समाप्त हो गया और नए आयोग के चेयरमैन माननीय हंसराज अहीर जी द्वारा पद भार ग्रहण करते ही फिर से आपत्ति दर्ज करवाई गई जिसके लिए आयोग द्वारा 2 बार चंडीगढ़ आकर UT प्रसाशन को तलब कर अपना पक्ष रखने और जल्द इसे लागू करने की बात कही। आयोग को अतिरिक्त रिपोर्ट सौंपते हुए डॉ अजय प्रजापति ने बताया कि चंडीगढ़ में प्रोफेशनल/मेडिकल/टेक्निकल/मैनजमेंट आदि के UG और PG कोर्स में कुल 30 हज्जर के करीब सीट है और *ओबीसी आरक्षण पूरे भारत मे 1993 से लागू है परन्तु चंडीगढ़ एक मात्र ऐसा UT है जहाँ जीरो % रेसर्वशन प्रावधान है।
UT प्रसाशन ने अपने जवाब में कहा कि ओबीसी आरक्षण हेतु सुप्रीम कोर्ट में केस विचाराधीन है और पंजाब यूनिवर्सिटी ने आने आप को इंटर कॉरपोरेट बॉडी बताया । तकनीकी उलझनों में ओबीसी आरक्षण को लंबे समय तक उलझाए रखा गया।
जबकि यहां चण्डीगढ़ में 85 % UT पूल और 15 % आल इंडिया पूल का प्रावधान है जिसमे चंडीगढ़ के स्थायी निवासी के बच्चे के लिए 85 %आरक्षित किया गया जाता रहा है । जबकि ओबीसी को दोनो पूल में कोई रेसर्वशन का प्रावधान नही दिया गया । जबकि UT के ओबीसी वर्ग के क्लास एक एवं दो वर्ग के कर्मचारियों के बच्चो को भी इसका लाभ नही मिल सकता था, जिसकी वजह से ओबीसी के उचच वर्ग के लोगो ने इसके लिए कभी आवाज नही उठायी। इस ओबीसी केस के सम्बंध में UT के स्थानीय पत्रकारों को भी न्यूज़ भेजी गई परन्तु प्रसाशन के दबाव के चलते न्यूज़ प्रकाशित नही की गई।
अभी हाल ही में आयोग के दबाव के चलते इस असवधानिक कृत्य को लेकर UT को अपना पालिसी में संशोधन करना पड़ा है और संशोधित पालिसी ग्रह मंत्रालय भेज दिया गया है।
अगर ओबीसी आरक्षण लागू होता है तो 8 हज्जर ओबीसी वर्ग के बच्चे इस UT चंडीगढ़ के अधीन संस्थानो में शिक्षा ले पाएंगे ।
आपका साथी
डॉ अजय प्रजापति