प्राचीन कला केंद्र द्वारा एकल तबला वादन की विशेष प्रस्तुति…

प्राचीन कला केंद्र के एम एल कौसर सभागार में आज सायं 6 :30 बजे पंजाब घराने के जाने माने तबला गुरु पंडित सुशील जैन के शिष्यत्व में पंजाब घराने के तबला वादन की शिक्षा प्राप्त कर रहे दो युवा कलाकार स्वरित पांचाल (पुणे ) एवं राघव प्रियाय भारद्वाज (अमृतसर) ने अपने सधे हुए तबला वादन से कला प्रेमियों को आनंदित किया। पंजाब घराने की विशेषताओं को दर्शाते इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पंजाब घराने के तबले वादन के मूल बोलों , रचनाओं का शुद्धता से प्रस्तुतीकरण करना था। इन दोनों कलाकारों ने बहुत अल्प आयु से गुरु जी से तबला की शिक्षा प्राप्त करनी आरम्भ की। और अब ये दोनों पंजाब घराने के तबले की बारीकियां सीख रहे हैं । ये दोनों पहले भी कई सफल प्रस्तुतियां दे चुके हैं
कार्यक्रम का आरम्भ स्वरित के तबला वादन से हुआ । स्वरित ने पंजाब घराने में निबद्ध झप ताल में आमद , रेले , कायदे, पलटे इत्यादि पेश करके दर्शकों की सराहना प्राप्त की इसके उपरांत तीन ताल में तबले की विभिन्न प्रस्तुतियां पेश की। अपने प्रभावशाली तबला वादन से स्वरित ने खूब तालिया बटोरी।
इस के उपरांत राघव प्रियाय भारद्वाज ने मंच संभाला और तीन ताल में तबला वादन पेश किया और रेले,कायदे,पलटे एवं कुछ खास रचनाओं को पेश करके समां बांध दिया। राघव ने पंजाब घराने की कुछ विशेष रचनाएँ पेश करके दर्शकों को रोमांचित कर दिया । अपनी दमदार प्रस्तुतियों से इन कलाकारों ने अपने गुरु की शिक्षा , रियाज़ तथा परिश्रम का बखूबी प्रदर्शन किया।
इन तबला वादकों के साथ मंच पर डॉ गुरप्रीत सिंह मोगा ने लहरे पर बखूबी संगत की ।
केन्द्र के सचिव श्री सजल कौसर एवं इन कलाकारों के गुरु एसऍनऐ
अवार्डी पंडित सुशील जैन ने कलाकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।