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मुख्यमंत्री ने सर्व आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर यूनियन के साथ बैठक की रद्द…..

चंडीगढ़( ):- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सर्व आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर यूनियन के साथ होने वाली बैठक को अंतिम समय में रद्द कर दिया है। इससे यूनियन नेताओं में नाराजगी बढ़ रही है।

इस अवसर पर सर्व आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष बरिंदरजीत कौर छीना ने बताया कि एक बार फिर सरकार का चेहरा बेनकाब हो गया है। उन्होंने कहा कि 13 जून को लुधियाना पश्चिम में सर्व आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर यूनियन द्वारा विशाल धरना प्रदर्शन किया गया था। वहां हजारों की संख्या में आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स ने भीषण गर्मी में सड़क जाम कर राज्य सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया था। इस बीच लुधियाना के विधायक मनजिंदर सिंह ग्यासपुरा ने यूनियन नेताओं को 18 जून को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री के साथ बैठक करने का समय दिया था। लेकिन आज जब यूनियन की अध्यक्ष बरिंदरजीत कौर अपने साथियों के साथ बैठक के लिए पंजाब भवन पहुंची तो उन्हें बताया गया कि रुझान के कारण बैठक रद्द कर दी गई है। इस तरह से राज्य सरकार पिछले तीन सालों से हमारी आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों को परेशान कर रही है। मुख्यमंत्री बार-बार मिलने से इनकार कर रहे हैं।

प्रदेश अध्यक्ष बरिंदरजीत कौर ने कहा कि राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी वर्करों को मोबाइल फोन देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक आंगनबाड़ी वर्करों को मोबाइल फोन नहीं दिए गए हैं। आंगनबाड़ी वर्करों को अपने निजी मोबाइल फोन के जरिए अपना सारा काम ऑनलाइन अपडेट करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को केंद्र सरकार की योजना के तहत आंगनबाड़ी वर्करों को मोबाइल फोन देने थे, लेकिन आज तक नहीं दिए गए हैं। हालांकि राज्य सरकार ने पहले अप्रैल 2025 तक मोबाइल फोन देने की घोषणा की थी, लेकिन जून तक भी नहीं दिए गए हैं। उन्होंने घोषणा की कि अगर सरकार ने जल्द ही मोबाइल फोन नहीं दिए तो आंगनबाड़ी वर्कर एफआरएस और ऑनलाइन काम का पूरी तरह से बहिष्कार करेंगी। इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने सरकार बनने से पहले आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों का मानदेय दोगुना करने का वादा किया था, वह भी पूरा नहीं किया गया। यूनियन की मांग थी कि नई शिक्षा नीति लागू की जाए और वर्करों को प्री नर्सरी टीचर का दर्जा दिया जाए, 17 महीने का बकाया वेतन जारी किया जाए, आंगनवाड़ी वर्कर हेल्पर का तबादला किया जाए और खाली पदों को तुरंत भरा जाए, सुपरवाइजरों की भर्ती में शैक्षणिक योग्यता पर विचार किया जाए, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी उनकी ओर से कोई वादा पूरा नहीं किया गया। आज फिर मुख्यमंत्री ने मीटिंग रद्द कर दी है। अगर जल्द ही मीटिंग दोबारा नहीं की गई तो यूनियन उग्र संघर्ष करेगी।