केवल शांति-शांति कहने से शांति नहीं मिलेगी: प्रेम रावत…
चंडीगढ़:-केवल शांति-शांति कहने से शांति नहीं मिलेगी। शांति मनुष्य की असली जरूरत है और इस जरूरत को पूरा करना हमारे लिए बहुत जरूरी है। यह संदेश वैश्विक शांतिदूत प्रेम रावत ने आज चंडीगढ़ में दिया।
सेक्टर 34 के एग्जीबिशन ग्राउंड में राज विद्या केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में ग्लोबल अम्बेसडर ऑफ पीस प्रेम रावत आज सवेरे 10 बजे जैसे ही मंच पर पहुंचे तो ग्राउंड में पूर्णतः सन्नाटा छा गया। लगभग 50 हजार लोगों की कैपेसिटी के लिए तैयार किये गए पंडाल में प्रेम रावत के आने पर शांत हो गए और तन्मयता व लगन से उनका समाज के प्रति दिया गया मानवता और शांति का संदेश सुना। चंडीगढ़ के एक संस्थान के मूक व बधिर संस्थान के बच्चे भी अपने शिक्षकों के साथ यह संदेश सुनने पहुंचे थे, जिन्हें उनके शिक्षकों ने उनकी साइन लैंग्वेज में साथ की साथ समझाया।
प्रेम रावत जी ने अपने एक घंटे के संदेश में ग्राउंड/पंडाल में उपस्थित लीगों को मानवता, शांति, भाईचारे और एकजुटता का संदेश देते हुए कहा कि वो अविनाशी जो सब जगह है वो आपके अंदर भी है आपके आनंद का स्रोत आपके अंदर है अंदर के अनंत के सागर की एक बूंद को चख लिया तो पूरे अनंत का अनुभव कर लिया। प्रेम रावत का यह महत्वपूर्ण सन्देश है कि शांति हर एक मनुष्य की बुनियादी जरूरत है। शांति हर मनुष्य के लिए संभव है जिस दिन हर स्वास के लिए आभार समझ जायेंगे उस दिन आप जीना सीख जायेंगे।
आज जो कुछ भी संसार में हो रहा है, वह मानव के अंदर से असंतुष्ट होने का ही परिणाम है। इन सब का अंत तभी सम्भव है, जब मनुष्य मानवता को अपनाये।
आयोजकों के अनुसार प्रेम रावत जी का संदेश सुनने के लिए पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और दिल्ली व अन्य राज्यों से कल रात को जुटने शुरू हो गए थे। प्रेम रावत जी के मंच पर आने से पहले हु पंडाल पूरा भर चुका था। उनके अनुसार श्रोताओं की सुविधा हेतु पानी की उपलब्धता के साथ साथ मोबाइल टॉयलेट वैन का भी बंदोबस्त किया गया था। वहीं किसी भी तरह की मेडिकल हेल्प के लिए भी डॉक्टरज और उनकी टीम तैयार थी। शारीरिक परेशानी के चलते जो लोग नीचे जमीन पर असमर्थ थे, उनके लिए कुर्सियों का बंदोबस्त था। सुरक्षा, सुचारू रूप से पार्किंग और ट्रैफिक आवागमन के लिए वालंटियर लगाए गए थे।
हाल ही में प्रकाशित हुई उनकी पुस्तक स्वयं की आवाज के लिए उन्हें गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड सम्मान से नवाजा गया है। इसका अंग्रेजी संस्करण हियर योरसेल्फ’ द न्यूयॉर्क टाइम्स बेस्टसेलर बुक रही है।
कई सरकारी और शैक्षणिक संस्थानों द्वारा प्रेम रावत को शांति दूत की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। वे विश्व स्तर पर श्रोताओं को इस दिशा में निरंतर प्रेरणा प्रदान करते हैं। 2012 में उन्हें एशिया पॅसिफिक ब्रान्ड लॉरियट द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। उन्हें प्रति वर्ष कार्यक्रमों को सम्बोधित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आमंत्रित किया जाता है। इनमें अनेक प्रतिष्ठित संस्थान जैसे यूरोपियन संसद यूनाइटेड नेशन्स यूनाइटेड किंग्डम, ऑस्ट्रेलिया और इटली की संसद और कई विश्वविद्यालय जैसे हॉरवर्ड व ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, आई आई टी दिल्ली, इनफोसिस और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद आदि शामिल हैं।
उन्होंने कैदियों की जिंदगी में सुधार लाने और अपराध को कम करने के उद्देश्य से कई जेलों में भी कार्यक्रम किये हैं जैसे दिल्ली में तिहाड़ जेल लखनऊ में नारी बदी निकेतन एवं हैदराबाद में चेरलापल्ली सेंट्रल जेल. पुणे में येरावड़ा जेल आदि हैं।
उनके द्वारा स्थापित प्रेम रावत फाउन्डेशन विश्व में जरूरतमंद लोगों की मदद कर रही है। रांची में जन भोजन कार्यक्रम एक ऐसा अभियान है जिसके अंतर्गत बच्चों और बीमार लोगों को पौष्टिक आहार दिया जाता है। यह कार्यक्रम वर्तमान में भारत, नेपाल और घाना (पश्चिम अफ्रीका) में चल रहा है। इस फाउन्डेशन द्वारा पीस एजुकेशन प्रोग्राम भी चलाया जाता है जिसको सुनकर लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है।
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