देश के सबसे बड़े राष्ट्रीय मोर्चा (National Front) के वरिष्ठ नेता एवं न्यू कांग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमो एडवोकेट विवेक हंस गरचा चंडीगढ़ या आनंदपुर साहिब से हो सकते हैं लोकसभा उम्मीदवार …
नई दिल्ली / 6 अप्रैल 2024 देश के सबसे बड़े राष्ट्रीय मोर्चा द्वारा संसदीय चुनाव के लिए राष्ट्रीय मोर्चे में शामिल “न्यू कांग्रेस पार्टी” (एन.सी.पी) और आम जनता पार्टी (इंडिया),ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, आहिरा नेशनल पार्टी राष्ट्रीय मोर्चा और एक दर्जन से अधिक सभी राजनीतिक संगठनों की सहमति से लोक सभा चुनाव 2024 के चंडीगढ़ या आनंदपुर साहिब से उम्मीदवार “न्यू कांग्रेस पार्टी” (एनसीपी) सुप्रीमो एडवोकेट विवेक हंस गरचा होंगे। एडवोकेट विवेक हंस गरचा जी का चंडीगढ़ के साथ – साथ एक घर आनंदपुर साहिब लोकसभा हलके में भी है चंडीगढ़ के साथ – साथ आनंदपुर साहिब लोकसभा हलके में भी एडवोकेट विवेक हंस गरचा जी की अच्छी पकड़ है। ऐसे में 12 से अधिक राजनीतिक पार्टियों का गठबंधन सच में समीकरण बदल सकता है। क्योंकि आनंदपुर साहिब लोकसभा हलके में योग्यता एवं राजनीतिक तजुर्बे में एडवोकेट विवेक हंस गरचा के बराबर किसी अन्य प्रत्याशी का कद नहीं। आनंदपुर साहिब लोकसभा हलके में भी दलित वोटर 5 लाख से अधिक हैं। पंजाब में दलितों की एकता एक मिसाल है ऐसे में एडवोकेट विवेक हंस गरचा मैदान में आये तो पंजाब के कई संगठन बड़ी संख्या में साथ देंगे।
चंडीगढ़ में दलित समाज और कर्मचारी वर्ग अपने हक़ो की प्राप्ति के लिए एडवोकेट विवेक हंस गरचा को सांसद चुन सकते हैं यदि कर्मचारियों और दलित एक ना हुए तो उन्हें फिर से अपने हकों की भीख पूँजीपति लोगों से मांगनी पड़ेगी जैसे की देश की आज़ादी के समय से आज तक मांगते आये हैं। देश में लोकसभा केंद्र शाषित प्रदेशों में से एक भी केंद्र शाषित प्रदेश की सीट आरक्षित नहीं यह देश भर के दलितों के हकों का हनन है। चंडीगढ़ में सबसे अधिक वोटर दलित समाज के अगर वे चाहे तो सांसद से लेकर सभी पार्षद सभी प्रशासनिक अधिकारी दलितों के हो लेकिन क्या किया जा सकता है इन्हें पूँजीपतियों ने ऐसे बांटा है कि यह लोग आज समाज के नाम पर इकठे नहीं होते समाज से किसी को कोई हमदर्दी नहीं जब शोषण होता है तो यह दलित बन जाते हैं अन्यथा इनमें से कोई अपने जाति, धर्म, वर्ग, समुदाय पर बात नहीं करता।
कुछ चंद लोगों ने अपना जीवन समाज के लिए न्योछावर कर दिया। कुछ को मरते दम तक ये पता ना चला कि हम जी क्यों रहे थे।
चंडीगढ़ को आरक्षित सीट करने की मांग भी पिछले कई वर्षों से “न्यू कांग्रेस पार्टी” (एनसीपी) द्वारा पार्टी संस्थापक प्रिंसिपल राम पाल हंस के समय से लगातार उठाई जा रही है। क्योंकि चंडीगढ़ में सबसे अधिक वोटर दलित समाज के ऐसे में “जिसकी जितनी भागेदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी ” तब साबित होगी अगर दलित समाज अपने समाज की साख बचाने में समर्थ हुआ।
समाज और कर्मचारियों के हकों के लिए सत्ताधारी सरकारों से दिन रात लड़ने वाले एडवोकेट विवेक हंस गरचा जी और उनके सैंकड़ो साथी दलित समाज के हैं ऐसे में अगर वे कांग्रेस और भाजपा का सुफड़ा साफ ना कर पाये तो यह पुरे दलित समाज की हार होगी।
एडवोकेट विवेक हंस गरचा ने कहा कि राष्ट्रीय मोर्चे में शामिल में सभी पार्टियों की सहमति से चुनाव रणभूमि में उतरेंगे।