केंद्र के मासिक कार्यक्रम परम्परा में कत्थक नृत्य और गिटार वादन से सजी शाम…
शहर की जानी मानी सांस्कृतिक संस्था प्राचीन कला केंद्र द्वारा आज यहाँ सेक्टर 35 स्थित एम एल कौसर सभागार में एक विशेष सांस्कृतिक संध्या जोकि केंद्र की परम्परा श्रृंखला के तहत थी, में केंद्र में संगीत एवं नृत्य की शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किया गया। केन्द्र अपने यहां संगीत की शिक्षा ले रहे विद्यार्थियों के लिए मासिक कार्यक्रम परम्परा का आयोजन पिछले कई वर्षों से करता आ रहा है । इस कार्यक्रम में केंद्र के लगभग 40 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
आज के कार्यक्रम में केन्द्र की डांस फैक्लटी राखी एवं म्यूजिक फैकल्टी के कार्तिक के शिष्यों द्वारा नृत्य एवं गिटार वादन की विभिन्न प्रस्तुतियां दी गई । इस कार्यक्रम में 5 से 20 वर्ष तक के बच्चों ने भाग लिया । इसमें सबसे पहले कत्थक नृत्य के बच्चों द्वारा गणेश वंदना पेश की गई । उपरांत शुद्ध कत्थक नृत्य की प्रस्तुतियां पेश की गई जिसमें उम्र के हिसाब से अलग-अलग समूहों में बच्चों ने कत्थक नृत्य पेश किया । इस कार्यक्रम में कत्थक नृत्य में तीन ताल झप ताल एवं धमार ताल में प्रस्तुतियां पेश की गई जिस में आमद , परन, गत, उठान, थाट तथा चक्रदार परन इत्यादि पेश किये गए । इस के साथ ही गिटार वादन में बच्चों द्वारा गिटार वादन पेश करके खूब तालियां बटोरी। गिटार वादन में राग बिलावल पर आधारित रचना पेश की गयी तथा गिटार वादन की सुन्दर प्रस्तुतियों ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया
केंद्र के इस प्रयास से विद्यार्थी न केवल मंच प्रदर्शन करके अपनी कला को आत्मविश्वास के साथ बखूबी प्रस्तुत कर रहे हैं बल्कि भारत के प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को समृद्धि दिलाने में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करके केंद्र एक अहम योगदान दे रहा है।