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संगीत सुरों की मधुर तरंगों और पंजाबी रंग में रंगा विरासत का टैगोर थिएटर में जोरदार समापन….

प्राचीन कला केन्द्र , कलाश्री , दिल्ली एवं चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादेमी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किए जा रहे दो दिवसीय संगीत कार्यक्रम विरासत के अंतिम दिन का आज यहां सुरों की मधुर ध्वनि और पंजाब के रंगारंग लोक नृत्य से समापन हो गया । इस कार्यक्रम का आयोजन टैगोर थिएटर में 12 तथा 13 जनवरी तक किया गया । जिसमें संगीत और नृत्य के हर रंग को बखूबी पेश किया गया । संगीत की विभिन्न विधाओं से सजा ये उत्सव संगीत प्रेमियों के लिए खुशनुमा यादें छोड़ गया । आज के कार्यक्रम में चंडीगढ़ के जाने माने कलाकार पंडित सुभाष घोष ने अपने खूबसूरत तंत्र वादन से समां बांध दिया और बाद में पंजाब के लोक नृत्यों से सजी प्रस्तुति ने हरेक दर्शक को झूमने पे मजबूर कर दिया।

सुभाष घोष चण्डीगढ़ से है और पद्मविभूपण उस्ताद अमजद अली खां जी के शिष्य हैं। आकाषवाणी और दूरदर्षन के ‘ए’ ग्रेड कलाकार सुभाष घोष देष में ही नहीं विदेषों में भी अपनी कला का प्रदर्षन कर चुके हैं। उन्होंने ईरान,जर्मनी,स्विज़रलैंड में अपने संगीत के कार्यक्रम दिए हैं। पहले सुभाष घोष ने ‘सरसवानी वाद्य यंत्र को बनाया जिसमें सितार,सरोद और वीणा का मिश्रण है। उपरांत नए और अनोखे वाद्य यंत्र को बनाया है जिसमें दक्षिण भारतीय वीणा और सरोद का अनोखा मिश्रण है।

आज के कार्यक्रम की शुरूआत पंडित सुभाष घोष ने राग बिहाग से की और पारम्परिक आलाप जोड़ झाला की मधुर स्वर लहरियों प्रस्तुत करके खूब तालियां बटोरी। इन्होंने रागों का शुद्धता से प्रस्तुतिकरण तथा तंत्रकारी अंगों पर अपनी महारथ को बखूबी दर्शाया । इन्होंने बहुत खूबसूरती से झाला और लयकारियों की प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरी। सुभाष घोष ने उस्ताद रशीद खान साहिब के मनपसंद राग सरस्वती में खूबसूरत रचनाएँ पेश करके दर्शकों के मंत्र मुग्ध कर दिया। अपने कार्यक्रम का समापन सुभाष ने पंजाब के रंगों में रंगी प्रस्तुति पेश करके सभी का दिल जीत लिया। दिल्ली के युवा तबला वादक ज़हीन खान ने तबले पे बखूबी संगत करके यादगारी समां बांध दिया।

इसके उपरांत श्री पीटर सोढी के निर्देशन में भागड़ा टीम ने जोरदार प्रस्तुति से दर्शकों को लोहरी के त्यौहार पर झूमने को मजबूर कर दिया। खूबसूरत रंगों में सजे भागड़ा कलाकारों ने जम कर नृत्य किया तथा ढोल नगाड़ों की आवाज़ से हर दर्शक झूम उठा।

कार्यक्रम के अंत में सभी कलाकारों को सम्मानित किया गया । इस अवसर पर केन्द्र के सचिव श्री सजल कौसर तथा कत्थक गुरु एवं केन्द्र की रजिस्ट्रार डॉ.शोभा कौसर , इस कार्यक्रम की सूत्रधार डॉ कविता ठाकुर भी उपस्थित थी । इस कार्यक्रम के समापन पर आयोजकों को हार्दिक बधाई ।

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