युगपुरुषोत्तम श्री श्री ठाकुर अंकुलचंद्र जी की 136वीं जयंती समारोह एवं सत्संग विहार चंडीगढ़ का 10वां वार्षिक समारोह…
चंडीगढ़, 28 नवंबर ( )- युगपुरुषोत्तम श्रीश्री ठाकुर अंकुलचंद्र जी की 136वीं जयंती समारोह एवं सत्संग विहार चंडीगढ़ का 10वां वार्षिक समारोह सत्संग देवघर के प्रधान आचार्यदेव के पावन आशीर्वाद से सत्संग विहार में लगातार दो दिनों तक मनाया गया। इस दो दिवसीय प्रोग्राम की शुरुआत सत्संग से हुई, जहां आईटीडीसी के अध्यक्ष और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता, श्री श्री ठाकुर जी के एक भक्त, डॉ. संबित पात्रा ने श्री श्री ठाकुर के सतनाम को स्वीकार करने के बाद अपने 30 वर्षों के जीवन के अनुभवों को साझा किया और मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने श्रोताओं के साथ जय-राधे कीर्तन किया।
दूसरे दिन वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता एवं श्रद्धालु श्री चितरंजन कंसा ने भी आदर्श केन्द्रित जीवन की आवश्यकता पर चर्चा की। दूसरे दिन प्रोफेसर मुरलीधर सोनी, अमृतसर से श्रीमती सांता डे, एनआईटी जालंधर से श्रीजीब करमाकर, श्री एस.के. जैसे प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा नगर कीर्तन, सुबह की प्रार्थना, भजनांजलि के साथ पूरे दिन कार्यक्रम चला। सत्संग पर चर्चा डॉ. सानंद बाग, यूरोलॉजिस्ट और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन, डॉ. कुमार मधुप, सत्संग अस्पताल, देवघर आश्रम के वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ, श्री एन. पी. सिन्हा, एसपीआर, पटना ने की। बैठक का संचालन प्रोफेसर ने किया।
सत्यस्वरूप त्रिपाठी, प्लास्टिक सर्जन, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ और श्री हिमांशु भूषण बिस्वाल, एसपीआर। इसमें श्री कबिराज नायक, एसपीआर, कुल्लू, श्री जगदीश कटोच, एसपीआर, हमीरपुर, श्री संतोष बडत्या, भटिंडा, श्री उपेन्द्र पोदार, एसपीआर, चंडीगढ़ जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भी भाग लिया।
इस अवसर पर एक निःशुल्क बहु विशेषज्ञता चिकित्सा परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ विशेषज्ञों द्वारा 300 से अधिक रोगियों का इलाज किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में तनु मलिक, मनु महापात्रा द्वारा लोक नृत्य, वरनदीप कौर द्वारा शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया गया। बिहार स्कूल ऑफ योगा, मुंगेर के श्री नवीन एन सेठी द्वारा योग और ध्यान का प्रदर्शन किया गया। दिन का समापन शाम की प्रार्थना के साथ हुआ। आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्सव ने इस अवसर पर एकत्रित सभी भक्तों के मन में एक प्रभावशाली सकारात्मक ऊर्जा छोड़ी। लगभग 10 व्यक्तियों को दिव्य गुरु श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र जी के सतनाम से दीक्षा दी गई।