संत महात्मा राष्ट्र को प्रकाश स्तंभ की तरह रास्ता दिखाते हैं: प्रज्ञांशसागर…
करनाल 19 नवम्बर, (): श्रुताराधक जैन संत क्षुल्लक प्रज्ञांशसागर जी महाराज ने कहा है कि- संत महात्मा सकाज और राष्ट्र के लिए प्रकाश स्तंभ की तरह होते हैं जो जीने का सही रास्ता दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि परोपकार, परमार्थ , दान त्याग और संयम मरने के बाद काम आने वाली पूंजी हैं। जो मरने के बाद आत्मा को सही रास्ते पर ले जाती हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में संयम का अपना ही अलग महत्व हैं। इसके लिए हमेशा हमें काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि धर्म की स्थापना के लिए धन की जरूरत नहीं होती है बल्कि प्रभावना जरूरी है। वह करनाल के ओमंग होटल में जैन धर्म के प्रतिष्ठत आचार्य विनिश्चयसागर जी महाराज के शिष्य क्षुल्लक प्रज्ञांशसागर जी महाराज ने अपने पीच्छी परिवर्तन समारोह में कही। उन्होंने अपने चातुर्मास के अंतिम चरण में कहा कि करनाल में उन्होंने पांच माह बिताए। उन्हें जैन समाज का पूरा प्यार मिला। उन्होंने करनाल की जैन समाज की सराहना की। यह कार्यक्रम ओमंग होटल के संचालक तथा जाने मान व्यवसायी हरविलास गुप्ता, शिराज गुप्ता तथा विशाल गुप्ता के संयोजन में दिगंबर जैन सोसायटी करनाल तथा सकल जैन समाज द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम में व्यवसायी हरविलास गुप्ता, सिराज गुप्ता तथाा विशाल गुप्ता ने अपने परिवार के साथ मिल कर बाहर से आए अतिथियों की मेजवानी की। इस अवसर पर दिगंबर जैन समाज के राष्ट्रीय नेता तथा राजस्थान सरकार में पूर्व मंत्री रहे खिल्लीमल जैन राइस कारौबारी सुशील जैन विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में दिल्ली रोहिणी से आए राकेश जैन तथा उनके साथियों तथा गोहाना समाज के प्रतिनिधियों ने आकर श्रुताराधक संत को श्रीफल देकर यहां आने के लिए आमंत्रित किया। कार्यक्रम में जैन संत को पीच्छी , वस्त्र तथा शास्त्र के साथ कमंडल समाज द्वारा सर्वाधिक बोली के माध्यम से बोली लगाने वालों ने प्रदान किए।
इस अवसर पर बाहर से आए जैन समाज के प्रबुद्ध जनों को साधुवाद दिया गया। इस अवसर पर गंगा स्टील के सांचालक अनिल जैन, पुस्तक व्यवसायी प्रवीण जैन, अभय जैन तथा अन्य जैन समाज के लोगों ने इस कार्यक्रम में जैन संत को अपनी तरफ जैन मुनि के उपकरण आदि भेंट किये। इस अवसर पर जैन संत ने अपनी पीच्छिका श्रीमान विपिन जैन अलका जैन को दी। कार्यक्रम में महिला मंडल ने भगवान नेमिनाथ और गिरनार को लेकर नाटिका प्रस्तुत की। जैन स्कूल के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में जैन समाज के दिल्ली, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, चंडीगढ़ तथा पंजाब से आए धर्मालुओं ने प्रवुद्ध जनों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन दिगम्बर जैन सोसायटी के अध्यक्ष वीरेश जैन ने किया।