लाइव कैलेंडर

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  

LIVE FM सुनें

India News24x7 Live

Online Latest Breaking News

संस्कार भारती द्वारा आयोजित संस्कार भारती कला उत्सव में डॉ. समीरा कौसर द्वारा अन्नत स्वरूपा के भावनात्मक प्रदर्शन ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध…

संस्कार भारती द्वारा 26 एवं 27 अप्रैल को प्राचीन कला केंद्र , ऍनजेडसीसी एवं चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में संस्कार भारती कला उत्सव का आयोजन टैगोर थिएटर में सुबह 11 बजे से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के प्रथम दिन प्रख्यात कथक नृत्यांगना एवं गुरु डॉ. समीरा कौसर और उनकी छात्राओं द्वारा एक शानदार अनूठा नृत्य बैले “अन्नत स्वरूपा” प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर श्री रविंद्र भारती अखिल भारतीय उपाध्यक्ष , संस्कार भारती मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए और श्री चेतन जोशी, संस्कार भारती के प्रबंधकारिणी सदस्य विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे।

इसमें 3 से 60 वर्ष की आयु के लगभग 68 प्रतिभागियों ने भाग लिया। पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के बाद गणेश वंदना के साथ कार्यक्रम की शानदार शुरुआत हुई जिस में सिल्वेस्टर जॉन और नाहयान चौधरी ने प्रस्तुति पेश की। इसके उपरांत अलंकृता चंदेल द्वारा शुद्ध कत्थक नृत्य पेश किया गया। कार्यक्रम के अगले भाग में कलाकारों द्वारा झप ताल में निबद्ध शुद्ध कत्थक नृत्य पेश किया गया। इसके बाद कथाकान्जलि में 3 से 60 वर्ष तक के कलाकारों द्वारा कत्थक के विभिन्न स्तरों को पेश किया गया। अनंत स्वरूपा एक संवेदनशील कथक नृत्य बैले है, जिसके माध्यम से डॉ. समीरा कौसर और उनकी शिष्याएं इस प्रस्तुति के माध्यम से वैदिक संस्कृति को पुनर्जीवित करने का एक विनम्र प्रयास कर रही हैं कि देवता उस समाज में निवास करते हैं जिसमें नारीत्व का सम्मान किया जाता है। इस प्रस्तुति द्वारा मां दुर्गा के दार्शनिक और समकालीन परिप्रेक्ष्य को उजागर करने का प्रयास किया गया हैं। डॉ. समीरा ने अपने नृत्य बैले के माध्यम से हमारे भारतीय समाज के कुछ ज्वलंत मुद्दों को इस तरह छूने की कोशिश की है कि यह हर दर्शक के दिल को बहुत ही संवेदनशीलता और करीब से छूता है। दुर्भाग्य से, इतने विकसित समाज के बावजूद, कई महिलाएं आज भी दुनिया के कई हिस्सों में कई तरह के भेदभाव, असमानता और अक्षमताओं से पीड़ित हैं। समीरा अपनी शिष्याओं के साथ इस नृत्य बैले के माध्यम से समाज की बेहतरी के लिए एक विनम्र प्रयास कर रही हैं। डॉ. समीरा एप्लाइड कथक के क्षेत्र में काम कर रही हैं और हमारी शास्त्रीय कलाओं के संज्ञानात्मक कोण को उजागर कर रही हैं

उनके लिए हर कला सौंदर्य की दृष्टि से सुंदर और अस्तित्वगत रूप से सार्थक होनी चाहिए। सभी कलाओं का एक उद्देश्य होना चाहिए, तथा स्वस्थ, समृद्ध, खुशहाल और सुसंस्कृत समाज के निर्माण में सहायक होना चाहिए। डॉ. समीरा को माननीय मुख्य अतिथि और अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।