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दिन प्रतिदिन रेकी थेरेपी बड़ी तेजी से चिकित्सा जगत में अपना स्थान बनाती चली जा रही….

रेकी थेरेपी बड़ी तेजी से चिकित्सा जगत में अपना स्थान बनाती चली जा रही है। इसे एक वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में देखा जाता है। रेकी को लेकर एक आम प्रचलित धारणा है कि यह जापान से पूरी दुनिया में फैली है और कई पश्चिमी देशों में तो इस विधा को संपूर्ण रूप से अपना लिया गया है। लंदन में तो इसके क्रैश कोर्स कराए जाते हैं और एक अच्छे हीलर को अच्छी तनख्वाह भी दी जाती है। किंतु इस अवधारणा को कि ये जापान की चिकित्सक प्रणाली है बेहद खुली चुनौती दे रहे हैं। चंडीगढ़ के रहने वाले रिटायर्ड विंग फ्लाइंग ऑफिसर कमांडर राजीव चोपड़ा, जो ताल ठोक कर कहते हैं कि यह अति प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली है जिसका जिक्र हमारे प्राचीन पुराणों में मिलता है और जिसे महात्मा बुद्ध ने पहली बार आम जनमानस तक मानवता के कल्याण हेतु पहुंचाया।

भारत से यात्रा करते हुए यह जापान पहुंची और वहां के लोगों ने इसका महत्व समझा और इसे अपना भाषाई नाम और रूप दे दिया। विंग कमांडर ने कहा कि वह इस बाबत कड़ी मेहनत कर रहे हैं और बड़े स्तर पर प्रयासरत है कि भारत की इस विद्या को भारत में ही पुनर्जीवित किया जाए और इस वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली का लाभ हर एक भारतीय को ही नहीं बल्कि दुनिया के हर उस आदमी को मिले जो इसका लाभ लेना चाहता है। किंतु कुछ अज्ञानी या पैसे के लोभी लोगों ने इसे एक निम्न स्तरीय व्यवसाय बना दिया है। इसको सीखने वाला बिना प्रैक्टिस किए लोगों को सिखाने लग जाता है। इसमें तीन लेवल कोर्स होता है जिसका एक अंतराल है फिर मास्टर एंड ग्रैंड मास्टर लेकिन लोग पहले दिन पहला लेवल, दूसरे दिन दूसरा विद सिंबल और तीसरे दिन हीलिंग टू अदर लेबल सीख लेते हैं। जबकि इसका एक प्रोसेस है पर लोग आज सीढ़ी चढ़े बगैर छज्जे पर छलांग मारना चाहते हैं जिसकी वजह से रेकी जैसी बेहतरीन तकनीकी भी बदनाम हो रही है। विंग कमांडर ने कहा कि वह बिल्कुल फ्री हीलिंग एक भी पैसा चार्ज नहीं करते। इसके साथ-साथ वो एक संस्था हीलिंग होम ट्रस्ट भी चला रहे हैं जिसके तहत को गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करते हैं और आर्मी में जाने की इच्छा रखने वाली लड़कियों को मुफ्त ट्रेनिंग देते हैं। ओल्ड एज होम में भी अपनी सेवाएं मुफ्त देने को तैयार है। विंग कमांडर का मानना है कि एक उम्र के बाद समाज से जो लिया है उसको वापस लौटाना चाहिए और जिसको लौटाने का जो भी तरीका वाजिब लगता है उसको इस्तेमाल करना चाहिए। विंग कमांडर राजीव चोपड़ा सतत प्रयासरत हैं कि भारत की यह विद्या भारत में वापस आए इसके लिए लोगों का सकारात्मक सहयोग चाहिए। उन्होंने आह्वान किया है कि जो भी उनसे जुड़ना चाहे उसका तहे दिल से स्वागत है। www.healinghometrust.com पर संपर्क कर सकता है। रेकी के बारे में जो भी जानकारी चाहिए, हासिल कर सकता है।