हरियाणा सरकार निर्माण मजदूरों को श्रम कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सुविधाओं से कर रही वंचित……
हरियाणा सरकार निर्माण मजदूरों को श्रम कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सुविधाओं से कर रही वंचित जिसके लिए आज भवन निर्माण कामगार यूनियन हरियाणा जिला पंचकूला के आवाहन पर पंचकूला जिले के निर्माण मजदूर सैकड़ों की संख्या में यवनिका पार्क सेक्टर 5 पंचकूला जिला उपप्रधान जयचंद की अध्यक्षता मे इकट्ठे हुए मंच का संचालन जिला सचिव लच्छीराम में किया । उसके बाद शहर में प्रदर्शन करते हुए हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उपायुक्त कार्यालय पर धरना लगाकर बैठ गए वहां तहसीलदार के माध्यम से श्रम मंत्री हरियाणा व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया साथ में तहसीलदार ने यह आश्वासन दिया की बुधवार तक बातचीत करवा दी जाएगी। राज्य के उपाध्यक्ष रमेश नन्हेड़ा विरोध सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा जजपा सरकार निर्माण मजदूरों की बेटियों को दो दो तीन तीन साल बीत जाने के बाद भी कन्यादान का लाभ नहीं देती है बड़े-बड़े विज्ञापनों के माध्यम से सरकार कहती है कि कन्यादान की राशि कन्या के विवाह से 3 दिन पहले मजदूरों के खाते में आ जाएगी लेकिन हकीकत यह है की लड़की दो बच्चों की मां बन चुकी है अभी तक उसके खाते में कन्यादान की राशि नहीं आई है।
मोदी की भाजपा सरकार मजदूरों द्वारा बड़ी कुर्बानियों वह लंबे समय के दम पर हासिल किए गए 44श्रम कानूनों को खत्म करके 4 कोड में बदलकर पूंजीपति ग्रामीणों को लाभ पहुंचा रही है और श्रमिकों को गुलाम बनाने के लिए मजबूर कर रही है आज सरकार की मजदूर किसान विरोधी नीतियों का परिणाम है कि मैं गई आसमान छू रही है मजदूरों को अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ रहा है राज्य सचिव लच्छीराम शर्मा ने कहा कि हरियाणा में 2007 में बोर्ड के गठन के समय ही निर्माण मजदूरों की मान्यता प्राप्त यूनियनों को मजदूरों के पंजीकरण में नवीनीकरण करवाने के लिए 1 वर्ष में 90 दिन की तसदीक करने की अथॉरिटी थी। मगर खट्टर सरकार ने निर्माण मजदूरों 90 दिन की वेरिफिकेशन का अधिकार युनियन से छीनकर पंचायत सचिव पटवारी सहित अन्य अधिकारियों को यह अधिकार दे दिया गया है लेकिन इसके बावजूद भी कोई भी अधिकारी तस्दीक करने के लिए तैयार नहीं है जिसके चलते ना केवल निर्माण मजदूरों को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर किया जा रहा है
इसके अलावा भ्रष्ट लोगों को भी बढ़ावा मिल रहा है अगर सरकार में अधिकारियों का ऐसा ही रवैया रहा तो लाखों निर्माण मजदूर कारीगर कल्याण बोर्ड से मिलने वाले लाभों से वंचित हो जाएंगे। सभा को सीटू जिला प्रधान रमा, कुरुक्षेत्र जिला का सचिव अनिल यमुनानगर जिले का प्रधान मतलूब हसन , रणधीर सिंह साथी, रामआसरे,अमरनाथ वर्मा, ने संबोधित किया। यदि उपायुक्त पंचकूला संयुक्त सचिव से बातचीत के माध्यम से मसला हल नहीं हुआ तो आने वाली 5 नवंबर को विधानसभा पर हल्ला बोल प्रदर्शन होगा।
मुख्य मांगेंः-
1.सभी जिलों में बोर्ड के कार्यालय खोले जाए व प्राथमिक तौर पर जिला स्तर पर तथाउसके बाद ब्लाक स्तर तक स्थाई अधिकारी की नियुक्ति व पक्के कर्मचारी भर्ती किया जाए। बोर्ड के कार्यालय सभी जिलों में नहीं खुले है जिससे मजदूरो को भारी परेशानी आ रही है। बोर्ड से सम्बंधित कार्यो के लिए उन्हे दूसरे जिलों में जाना पड़ता है ।
2. बोर्ड की ओर से निर्माण मजदूरों के पंजीकरण हेतु 90 दिन के कार्य तसदीक के लिए यूनियनों का अधिकार समाप्त करने के फैसले को वापिस लिया जाये।
निर्माण मजदूर कल्याण कानून में मजदूरों के कार्य तसदीक हेतू पंजीकृत यूनियनों को अधिकार दिया गया है, लेकिन राज्य मंत्रीमंडल द्वारा यह अधिकार समाप्त कर दिया गया है जो कि गैरलोकतांत्रिक है व ट्रेड यूनियन अधिकारों का हनन है। अतः इस फैसले का वापिस लिया जाये ।
3. निर्माण मजदूरों के रद्द किये गये पंजीकरण को बहाल किया जाये ।
कल्याण बोर्ड द्वारा आनलाईन पंजीकृत हुये निर्माण मजदूरों के पंजीकरण को बड़े पैमाने पर रद्द किया गया है जो कि कतई ठीक नही है । रद्द किये गये पंजीकरण को हुये एक साल से ज्यादा का समय हो गया था, कई मजदूरों का तो रिनीवल भी हो गया था, ऐसे में 1 साल बाद मजदूरों का पंजीकरण रद्द करना बेमानी है । पंजीकृत मजदूरों में से कई मजदूरों की मृत्यु भी हो चुकी है । अतः निर्माण मजदूरों के रद्द किये गये पंजीकरण बहाल किये जाए।
4. सामाजिक सुरक्षा कोड में बी.ओ.सी.डब्लयू. एक्ट (निर्माण मजदूर कल्याण कानून) में मर्ज ना किया जाये।
5. बोर्ड के सभी तरह के कार्य को ऑनलाइन के साथ साथ ऑफलाइन भी किया जाए। पिछले एक साल से ऑनलाइन के फेर में मजदूरों को उलझा रखा है। 10,10 बार सुविधा फार्मो पर आपत्ति लगाई जा रही है । जिससे उन्हें न सिर्फ पैसे की हानि हो रही है बल्कि मानसिक तौर पर भी प्रताडि़त हो रहे हैं। आनलाईन के साथ साथ आफलाईन भी जारी रखा जाये, बेहतर रहे कि मजदूर से आफलाईन लेकर विभाग द्वारा आनलाईन किया जाये ।
6.आनलाईन कार्य के लिए अटल सेवा केन्द्रों की फीस तय की जाये, मजमर्जी से फीस लेने वाले पर कार्यवाही की जाये ।
7. पूरे प्रदेश में बोर्ड के कार्य मे एकरूपता लाई जाए। जिलावार अधिकारियों की मनमानी पर रोक लगाई जाए। फर्जीवाड़े पर रोक लगाई जाए व फर्जी का बहाना लेकर असल मजदूर की किसी भी सुविधा पर रोक ना लगाई जाए।
8. सुविधाओ पर बेमानी शर्तो पर रोक लगाई जाए, लाभ देने की समय सीमा तय की जाये। 2018 के रद्द किये गये बजीफा फार्मो को बहाल किया जाये । सिटिजन चार्टर बने । बिना विधिवत सुचना के काई भी सुविधा फार्म रद्द ना किया जाये।
9. सुविधा फार्मो पर बार बार आब्जैक्सन लगाने की बजाये एक ही बार में कोई आपत्ति हो उसे बताया जाये । बार बार आपत्ति लगाने का अधिकार देने से भ्रश्टाचार को बढावा मिलता है तथा मजूदर का भी अर्थिक हानि उटानी पड़ती है ।
10. बकाया लाभ की राशी का तुरन्त भुगतान किया जाये ।
11.कल्याण बोर्ड की कमेटी का गठन किया जाये व उसमें व एडवाइजरी कमेटी में सभी मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि शामिल किया जाए। कल्याण बोर्ड की कमेटी व एडवाइजरी कमेटी में सभी मजदूर संगठनो का प्रतिनिधित्व होने की बजाए एक ही संगठन के लोगो को शामिल किया जाता है जो कि कानून की मूल भावना केखिलाफ है।
12.करोना के प्रभाव से मुकाबला करने के लिए इन्कम टैक्स ना भरने वाले सभी परिवारों को अगले 6 महीने तक 7500 रू मासिक दिये जाएं। व अपै्रल महीने में बोर्ड द्वारा जारी किये गये 5000 रू जिन मजदूरों के आधार व अन्य दिक्कतों की वजह से बकाया है वो तुरन्त जारी किये जाएं।
13. मनरेगा में 200 दिन काम व 600 रू मजदूरी दी जाये।
12. कल्याण बोर्ड की ओर से सभी पंजीकृत निर्माण मजदूरों के इलाज का प्रबंध किया जाये। सरकारी कर्मचारी की तर्ज पर सरकारी व सरकार के पैनल के हस्पतालों में पंजीकृत निर्माण मजदूरों का इलाज फ्री किया जाये ।
13. बोर्ड की और आवास की सुविधा के लिए लोन की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए।
जारी कर्ता
लच्छी राम
जिला सचिव भवन निर्माण कामगार यूनियन हरियाणा जिला पंचकूला
8901123772