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22 अक्तूबर को उपायुक्त कार्यालय व श्रम कल्याण बोर्ड सेक्टर 4 पंचकूला पर जिला स्तरीय आक्रोश प्रर्दशन में शामिल होंगे पंचकूला जिले के हजारों निर्माण मजदूर…..

यह जानकारी आज भवन निर्माण कामगार यूनियन हरियाणा के राज्य में जिला सचिव लच्छीराम शर्मा ने दी उन्होंने बताया कि 10 दिन पहले उपायुक्त पंचकूला संयुक्त सचिव हरियाणा भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के संयुक्त सचिव व उप निदेशक अंबाला को लिखित में चिट्ठी देकर पंचकूला जिले के निर्माण मजदूरों की समस्याओं को अवगत कराया था लेकिन अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई भी बातचीत का प्रस्ताव नहीं आया लच्छीराम शर्मा ने कहा कि यदि बातचीत से मसला हल नहीं हुआ तो पंचकूला जिले के तमाम निर्माण मजदूर आने वाली 22 तारीख को यवनिका पार्क सेक्टर 5 पंचकूला में इकट्ठे होकर श्रम कल्याण बोर्ड व उपायुक्त पंचकूला पर प्रदर्शन करेंगे।

आज की आम सभा को संबोधित करते हुए भवन निर्माण कामगार यूनियन के जिला व राज्य सचिव लच्छी राम शर्मा ने कहा भवन निर्माण का मजदूर आज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है कोरोना की वजह से लॉकडाउन मैं प्रवासी मजदूरों को और ज्यादा समस्याएं हुई उन्हें अनेको प्रकार की समस्या हुई । आज भी कोरोना की वजह से काम धंधे उस प्रकार से नहीं चल पा रहे हैं जिसकी वजह से प्रवासी मजदूरों की हालत बहुत ही दयनीय है निर्माण मजदूर अपनी समस्याओं को लेकर 22 अक्टूबर को जिला स्तरिय प्रदर्शन कर रहे हैं उसका हमें कोई शौक नहीं है

भाजपा सरकार मजदूर व किसान विरोधी है जो आए दिन निर्माण मजदूरों के लिए बने श्रम कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सुविधाओं पर बेमानी शर्ते थोप रही है। मजदूर होने के कारण 90 दिन के काम की तस्दीक बारे दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं और 90 दिन के काम की तस्दीक कोई भी अधिकारी नहीं करता उन्हें कहा जाता है कि हम आपको जानते ही नहीं हैं।

मुख्य मांगेंः-
1.सभी जिलों में बोर्ड के कार्यालय खोले जाए व प्राथमिक तौर पर जिला स्तर पर तथाउसके बाद ब्लाक स्तर तक स्थाई अधिकारी की नियुक्ति व पक्के कर्मचारी भर्ती किया जाए। बोर्ड के कार्यालय सभी जिलों में नहीं खुले है जिससे मजदूरो को भारी परेशानी आ रही है। बोर्ड से सम्बंधित कार्यो के लिए उन्हे दूसरे जिलों में जाना पड़ता है ।
2. बोर्ड की ओर से निर्माण मजदूरों के पंजीकरण हेतु 90 दिन के कार्य तसदीक के लिए यूनियनों का अधिकार समाप्त करने के फैसले को वापिस लिया जाये।
निर्माण मजदूर कल्याण कानून में मजदूरों के कार्य तसदीक हेतू पंजीकृत यूनियनों को अधिकार दिया गया है, लेकिन राज्य मंत्रीमंडल द्वारा यह अधिकार समाप्त कर दिया गया है जो कि गैरलोकतांत्रिक है व ट्रेड यूनियन अधिकारों का हनन है। अतः इस फैसले का वापिस लिया जाये ।
3. निर्माण मजदूरों के रद्द किये गये पंजीकरण को बहाल किया जाये ।
कल्याण बोर्ड द्वारा आनलाईन पंजीकृत हुये निर्माण मजदूरों के पंजीकरण को बड़े पैमाने पर रद्द किया गया है जो कि कतई ठीक नही है । रद्द किये गये पंजीकरण को हुये एक साल से ज्यादा का समय हो गया था, कई मजदूरों का तो रिनीवल भी हो गया था, ऐसे में 1 साल बाद मजदूरों का पंजीकरण रद्द करना बेमानी है । पंजीकृत मजदूरों में से कई मजदूरों की मृत्यु भी हो चुकी है । अतः निर्माण मजदूरों के रद्द किये गये पंजीकरण बहाल किये जाए।
4. सामाजिक सुरक्षा कोड में बी.ओ.सी.डब्लयू. एक्ट (निर्माण मजदूर कल्याण कानून) में मर्ज ना किया जाये।
5. बोर्ड के सभी तरह के कार्य को ऑनलाइन के साथ साथ ऑफलाइन भी किया जाए। पिछले एक साल से ऑनलाइन के फेर में मजदूरों को उलझा रखा है। 10,10 बार सुविधा फार्मो पर आपत्ति लगाई जा रही है । जिससे उन्हें न सिर्फ पैसे की हानि हो रही है बल्कि मानसिक तौर पर भी प्रताडि़त हो रहे हैं। आनलाईन के साथ साथ आफलाईन भी जारी रखा जाये, बेहतर रहे कि मजदूर से आफलाईन लेकर विभाग द्वारा आनलाईन किया जाये ।
6.आनलाईन कार्य के लिए अटल सेवा केन्द्रों की फीस तय की जाये, मजमर्जी से फीस लेने वाले पर कार्यवाही की जाये ।
7. पूरे प्रदेश में बोर्ड के कार्य मे एकरूपता लाई जाए। जिलावार अधिकारियों की मनमानी पर रोक लगाई जाए। फर्जीवाड़े पर रोक लगाई जाए व फर्जी का बहाना लेकर असल मजदूर की किसी भी सुविधा पर रोक ना लगाई जाए।
8. सुविधाओ पर बेमानी शर्तो पर रोक लगाई जाए, लाभ देने की समय सीमा तय की जाये। 2018 के रद्द किये गये बजीफा फार्मो को बहाल किया जाये । सिटिजन चार्टर बने । बिना विधिवत सुचना के काई भी सुविधा फार्म रद्द ना किया जाये।
9. सुविधा फार्मो पर बार बार आब्जैक्सन लगाने की बजाये एक ही बार में कोई आपत्ति हो उसे बताया जाये । बार बार आपत्ति लगाने का अधिकार देने से भ्रश्टाचार को बढावा मिलता है तथा मजूदर का भी अर्थिक हानि उटानी पड़ती है ।
10. बकाया लाभ की राशी का तुरन्त भुगतान किया जाये ।
11.कल्याण बोर्ड की कमेटी का गठन किया जाये व उसमें व एडवाइजरी कमेटी में सभी मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि शामिल किया जाए। कल्याण बोर्ड की कमेटी व एडवाइजरी कमेटी में सभी मजदूर संगठनो का प्रतिनिधित्व होने की बजाए एक ही संगठन के लोगो को शामिल किया जाता है जो कि कानून की मूल भावना के
खिलाफ है।
12.करोना के प्रभाव से मुकाबला करने के लिए इन्कम टैक्स ना भरने वाले सभी परिवारों को अगले 6 महीने तक 7500 रू मासिक दिये जाएं। व अपै्रल महीने में बोर्ड द्वारा जारी किये गये 5000 रू जिन मजदूरों के आधार व अन्य दिक्कतों की वजह से बकाया है वो तुरन्त जारी किये जाएं।
13. मनरेगा में 200 दिन काम व 600 रू मजदूरी दी जाये।
12. कल्याण बोर्ड की ओर से सभी पंजीकृत निर्माण मजदूरों के इलाज का प्रबंध किया जाये। सरकारी कर्मचारी की तर्ज पर सरकारी व सरकार के पैनल के हस्पतालों में पंजीकृत निर्माण मजदूरों का इलाज फ्री किया जाये ।
13. बोर्ड की और आवास की सुविधा के लिए लोन की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए।
जारी कर्ता
लच्छी राम
जिला सचिव भवन निर्माण कामगार यूनियन हरियाणा जिला पंचकूला
8901123772