श्रद्धेय श्री विजय शास्त्री जी (श्री राधा वल्लभ धाम)….
चंडीगढ़। श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के पंचम दिवस पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। कथा व्यास श्रद्धेय श्री विजय शास्त्री जी ने आज के दिवस में भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएँ, गोवर्धन पूजा एवं रासपंचाध्यायी के प्रसंगों का सुंदर वर्णन किया।
कथा के दौरान शास्त्री जी ने बताया कि —
“जब-जब अधर्म बढ़ता है, तब-तब भगवान स्वयं धर्म की स्थापना हेतु अवतरित होते हैं। गोवर्धन पूजा हमें सिखाती है कि प्रकृति ही परमेश्वर का स्वरूप है और उसका सम्मान करना ही सच्ची भक्ति है।”
भक्तगण “गोवर्धन नाथ की जय”, “राधे-श्याम” और “जय श्रीकृष्ण” के उद्घोषों से पूरा पंडाल गुंजा उठा। भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन भी किया गया, जिसमें नन्हे बालकों ने श्रीकृष्ण का वेश धारण कर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया।
मंच संचालक एडवोकेट कृष्ण सहजपाल ने बताया की पूरा सेक्टर इस कथा का त्यौहार की तरह इंतजार करता है यहां पर ये राधा बल्लभ परिवार द्वारा ये पंद्रहवीं कथा है
शाम को भजन संध्या के दौरान “बरसाने की राधा प्यारी, नंद के लाला से न्यारी” जैसे भक्तिमय भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे। मुख्य अतिथि के तौर पर भाजपा हिमाचल प्रदेश के उपाध्यक्ष श्री संजय टंडन, बलजिंदर गुजराल, लेबर कंट्रशन यूनियन के पदाधिकारी गण, देवालय पूजक परिषद के पदाधिकारी गण, चंडीगढ़ ब्राह्मण सभा के प्रधान यशपाल शर्मा, भाजपा नेता जग्गी कौर,अशोक गुप्ता उपस्थित रहे और व्यास गद्दी से भगवान का आशीर्वाद लिया
कथा के अंत में सभी भक्तों को महाप्रसाद वितरित


