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अभिनेता बिन्नू ढिल्लों ने तविस्वा ज्वेल्स के आउटलेट का किया शुभारंभ….

पंचकुला, 18 फरवरी, 2024: बहुआयामी पंजाबी और बॉलीवुड अभिनेता बिन्नू ढिल्लों ने सेक्टर 20 पंचकुला से सटे, चंडीगढ़ स्वीट, पीर मुछल्ला के सामने, साई मार्केट में तविस्वा ज्वेल्स आउटलेट का शुभारंभ किया। ध्यान योग्य बात यह है कि तविस्वा ज्वेल्स एक ट्राइसिटी आधारित लेबल है और फ्रेंचाइजी मॉडल पर स्टोर खोल रहा है। यह पीर मुछल्ला स्टोर ब्रांड के फ्रैंचाइज़ी आउटलेट की श्रृंखला में पहला है।

सोने और हीरे के आभूषणों की एक श्रृंखला के लिए एक विशेष स्टोर, तविस्वा ज्वेल्स के उद्घाटन के अवसर पर लैब ग्रोन डायमंड्स (एलजीडी) पर एक जागरूकता सत्र मीडियाकर्मियों के लिए आयोजित किया गया।

बिन्नू ढिल्लों ने कहा, “तविस्वा ज्वेल्स अन्य स्टोर्स से भिन्न है क्योंकि इसकी अनूठी यूएसपी यह है कि यहाँ की ज्वेलरी की रेंज गुणवत्ता प्रदान करने के साथ साथ किफायती भी हैं।”

इस बारे में बताते हुए तविस्वा ज्वेल्स के पार्टनर रोहित बंसल ने कहा, ‘बनाने यानि मेकिंग ‘ के लिए हमारी श्रम लागत अन्य प्रतिष्ठित लेबलों की तुलना में 25-30 प्रतिशत कम है। इससे अन्य प्रसिद्ध ब्रांडों की तुलना में हमारी कीमतें 35-40 प्रतिशत कम हो जाती हैं।”

एक अन्य पार्टनर शिल्पी बंसल ने कहा, “हमने विशेष आभूषण संग्रहों की एक प्रदर्शनी शुरू करने की भी घोषणा की है जो 25 फरवरी तक चलेगी। प्रदर्शनी के दौरान की गई खरीदारी पर कई ऑफर हैं। 25 फरवरी को एक लकी ड्रा की भी योजना बनाई गई है, जिससे हीरे की चेन जीती जा सकती है।”

गौरव गर्ग, जो एक पार्टनर भी हैं, ने कहा, “तविस्वा ज्वेल्स स्टोर के सभी हीरे इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (आईजीआई) और जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका (जीआईए) के अंतरराष्ट्रीय प्रमाणपत्रों द्वारा प्रमाणित हैं। ये प्रमाणपत्र दुनिया भर में स्वीकार किए जाते हैं।”

एक अन्य पार्टनर ईवा अरोड़ा ने कहा, “सोने और चांदी के लिए, प्रत्येक वस्तु पर हॉलमार्क की मुहर लगी होती है और इन पर भारत सरकार द्वारा अनुशंसित हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन(एचयूआईडी) सीरियल होता है।”

युवा फ्रेंचाइजी मालिक मनत बंसल ने कहा कि “तविस्वा ज्वेल्स के पीर मुछल्ला स्टोर पर, सभी प्रकार के आभूषण – हीरा, सोना और चांदी उपलब्ध होंगे। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि तविस्वा ज्वेल्स के सभी डिज़ाइन पेशेवर डिजाइनरों द्वारा बनाए गए हैं, जो सीएडी तकनीक पर काम करते हैं।”

बिज़नेस के एक अन्य पार्टनर तुषार गर्ग ने कहा, “तविस्वा ज्वेल्स को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को पूरा करने के लिए बनाया गया है। इसके लिए हम जल्द ही अपने पोर्टफोलियो में लैब ग्रोन डायमंड्स या एलजीडी ला रहे हैं।’

रोहित बंसल, जो एलजीडी के उभरते क्षेत्र के विशेषज्ञ भी हैं, ने कहा, “एलजीडी इंडस्ट्री श्रम गहन है और कई नौकरियां के अवसर पैदा करने में सहायक होती है।”

रोहित बंसल ने मीडिया को एलजीडी की अवधारणा के बारे में भी बताया ताकि हीरों की इस शैली के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। उन्होंने कहा कि जैसा कि नाम से पता चलता है एलजीडी लैब्स में बनाये जाते हैं जबकि प्राकृतिक हीरे धरती से निकाले जाते हैं। हालांकि दोनों की विशेषताएं समान हैं, एलजीडी की कीमत खनन किए गए हीरों की तुलना में बहुत कम है।

रोहित ने बताया कि अधिकांश प्राकृतिक कच्चे हीरे दूसरे देशों से आयात किए जाते हैं जिसके परिणामस्वरूप बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा बर्बाद होती है। हालाँकि, एलजीडी का उत्पादन भारत में किया जा सकता है, इसलिए भारत सरकार एलजीडी को बढ़ावा दे रही है क्योंकि इससे बहुमूल्य विदेशी मुद्रा की बचत होगी।

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