खूबसूरत संगीत के रंगों में रंगा अमीर रंग उत्सव….
देश की अग्रणी सांस्कृतिक संस्था प्राचीन कला केंद्र द्वारा आज यहां टैगोर थिएटर में एक विशेष संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिस में इंदौर घराने के जाने माने संगीतकार उस्ताद आमिर खान की याद में किया गया इस अवसर पर इंदौर घटने के खलीफा शाहबाज़ खान अपने महान पिता उस्ताद अमीर खान साहब को श्रद्धांजलि देने के लिए विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे इस अवसर पर उनके सुपुत्र का आना एक पुत्र द्वारा पिता के लिए प्रेम भरा एहसास और श्रद्धांजलि है इस कार्यक्रम में शास्त्रीय गायक . सुरेश गंधर्व और पं. देवाशीष डे जिन्होंने अपने भावपूर्ण प्रदर्शन से सिटी ब्यूटीफुल के संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष श्री सुदेश शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में पधारे थे और कला एवं संस्कृति अधिकारी डॉ. दीपिका विशिष्ट अतिथि के रूप में इस अवसर पर उपस्थित थीं। पारंपरिक दीप प्रज्वलन के बाद गुरु मां डॉ. शोभा कोसर एवं श्री. सजल कोसर ने मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि को शॉल, स्मृति चिन्ह और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया।
श्री शाहबाज़ खान को शॉल, स्मृति चिन्ह और उतरिया से सम्मानित किया गया।
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केंद्र ने प . अरुण मिश्रा को इस, अवसर पर अवार्ड ऑफ़ हॉनर से सम्मानित किया। प्रसिद्ध सितार वादक और संगीतज्ञ अरुण कुमार मिश्रा को भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। उन्हें एक शॉल, स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र और सम्मान पत्र भेंट किया गया।
इस अवसर पर उस्ताद अमीर खान जी को श्रद्धांजलि के रूप में एक विशेष वृत्तचित्र भी दर्शकों को दिखाया गया। इसका वर्णन और निर्देशन स्वयं शाहबाज़ खान ने किया है।
अभिनंदन के बाद पं. सुरेश गंधर्व ने अपने गायन की शुरुआत लोकप्रिय राग मारवा से की। विलंबित ताल बंदिश पिया मोरे अनत देश गईलवा के बाद छोटा ख्याल बंदिश गुरु बिना ज्ञान ना पावे प्रस्तुत किया गया। फिर उन्होंने सोहिनी राग आधारित ठुमरी “बैरन बिरहा की रईं” प्रस्तुत की। उनके साथ तबले पर उस्ताद अख्तर हसन और श्री. हारमोनियम पर जाकिर धौलपुरी ने बखूबी संगत की
इस मधुर प्रस्तुति के बाद पं. देवाशीष दे ने प्रस्तुति पेश की वह राग अमीर कौंस, आमिर खान साहब पर आधारित एक दुर्लभ राग है। पारंपरिक आलाप के बाद उन्होंने विलंबित रूपक ताल पर आधारित रचना “मीठे मीठे बोल कोयलिया” प्रस्तुत की, इसके बाद मध्य लय झप ताल पर आधारित प्रस्तुति “सरस सघन बन फूल खिले” को दर्शकों ने खूब सराहा। इसके बाद उन्होंने स्वरचित द्रुत बंदिश तेरा ही नाम आमिर खान” ।प्रस्तुत किया। उन्होंने मधुर ठुमरी “बांसुरिया अब ना बजाओ मेरे श्याम” के साथ समापन किया। उनके साथ तबले पर प्रदीप सरकार और हारमोनियम पर जाकिर धौलपुरी ने संगत की।
केंद्र की रजिस्ट्रार डॉ. शोभा कोसर एवं सचिव श्री सजल कोसर ने कलाकारों को सम्मानित किया. श्री सजल कोसर ने इस कार्यक्रम को बेहद सफल बनाने के लिए दर्शकों, मीडिया और कलाकारों को धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम समाप्त किया।