सुरीले क्रोएके गीत ” संगीतक शाम…
पुराने सदाबहार गीतों पर आधारित एक सुरली शाम का आयोजन ग्लोबल आर्ट के डायरेक्टर डॉक्टर मनजीत सिंह बल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में 20 के आसपास लोगों ने हिस्सा लिया इसमें महिला पुरुष द्वारा युगल गीत और सोलो गीत भी गए गए। कार्यक्रम की शुरुआत अनुराधा शर्मा ने “फज़ा भी है जवा-जवा” सलमा आगा के गाए गीत को अपनी आवाज में गाया, संजीव धीमान ने कुमार सानू और मोहम्मद रफी का गीत गाया । पहली बार मंच सांझा कर रहे हैं तरजिंदर सिंह ने हेमंत कुमार के “गीत ये नयन भरे-भरे” दिलकश अदांज में सुनाया, करनल बीके शर्मा ने तुम अगर मुझको न चाहो तो कोई बात नही, पूनम डोगरा ने पाकिस्तान गायिका रेशमा का गीत बड़ी लंबी जुदाई सुनाया।
विक्रमजीत सिंह संधू ने मेरे महबूब कयामत होगी गाया, राजकुमार ने मैं तो एक ख्वाब हूं सुनाया, अरविंद गर्ग ने कुछ कविताएं सुनाइ और पहली बार मंच पर गाने का प्रयास किया जिसको सब ने बहुत सराहा। मूलरूप से अमृतसर के रहने वाले डॉक्टर मंजीत बल एक मझें हुए कलाकार भी हैं उन्होंने “उड़े जब जब जुल्फें तेरी” गीत को पंजाबी टच देकर माहौल को उत्साह से भर दिया। शीनू वालिया ने मंच का बेहतरीन संचालन किया कुछ कविताएं और शायरी भी सुना कर शाम को बेहतरीन बना दिया। डॉ बल ने कहा कि वह भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम करते रहेंगे ताकि संस्कृति और सभ्यता जीवित रहे।


