केन्द्र की 288 वीं मासिक बैठक में वायलिन की मधुर तरंगों ने मोहा दर्शकों का मन…
प्राचीन कला केन्द्र द्वारा आज यहां मासिक बैठक की 288 वीं कड़ी में दिल्ली से आए वायलिन वादक उस्ताद असगर हुसैन द्वारा भावपूर्ण प्रस्तुति पेश की गई । इस कार्यक्रम का आयोजन केन्द्र के एम.एल.कौसर सभागार में सायं 6ः30 बजे से किया गया ।
एक संगीतज्ञ परिवार में जन्में असगर हुसैन ने प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता उस्ताद अनवर हुसैन से प्राप्त की । इसके उपरांत वायलिन की बारीकियां इन्होंने उस्ताद गौहर अली खान और उस्ताद जहूर अहमद खान से सीखी । बहुत से कार्यक्रमों में अपनी मधुर प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत चुके असगर के लिए उनकी कला और प्रतिभा के कई अवार्ड प्राप्त हो चुके हैं ।
आज के कार्यक्रम की शुरूआत इन्होंने राग भोपाली से की जिसमें पारम्परिक आलाप के द्वारा राग के भावपक्ष को प्रस्तुत किया गया । इसके उपरांत मत्त ताल में विलम्बित गत पेश की गई । गायकी शैली को प्रमुखता देने वाले असगर ने सिलसिलेवार बढ़त में इस शैली का निर्वाह करते हुए दर्शकों की खूब तालियां बटोरी । इनके वायलिन वादन में विशेष तौर से गायकी और तंत्रकारी का खूबसूरत समन्वय देखने को मिला । तानें,तिहाईयां और विभिन्न लयकारियों से सजी इस प्रस्तुति में मध्य लय तीन ताल में भी कुछ रचनाएं पेश की गई । एक खूबसूरत झाले के बाद राग शिवरंजनी से सजी एक धुन से कार्यक्रम का समापन किया गया । कार्यक्रम में जानेमाने तबलावादक उस्ताद अख्तर हसन की सधी हुई संगत ने कार्यक्रम को चार चाँद लगा दिए ।
कार्यक्रम के अंत में केन्द्र की रजिस्ट्रार कत्थक गुरू डाॅ.शोभा कौसर एवं सचिव श्री कौसर ने कलाकारों को उतरीया और मोमेंटो देकर सम्मानित किया । सचिव श्री सजल कौसर ने ये भी बताया कि आगामी 14 अक्टूबर को जानीमानी शास्त्रीय गायिका स्वर्गीय सरयू केलकर को समर्पित एक संगीत संध्या में विदूषी विनीता गुप्ता अपनी प्रस्तुति पेश करेंगी ।
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