लोगों को विदेश भेजने के लिए इमिग्रेशन सेवाओं की कोई नीति या ठोस कानून अभी तक नहीं बना…
चंडीगढ़, 06-10-2023 | भारत में लोगों को विदेश भेजने के लिए इमिग्रेशन सेवाओं की कोई नीति या कानून अभी तक नहीं बना है ना ही विदेश में आव्रजन पी आर स्टडी, वर्क वीजा, आगंतुक वीजा पर लोगों को भेजने के लिए कोई नियम बना है। केवल विदेश मंत्रालय ने कामगारों को विदेश में भेजने के लिए इंडियन माइग्रेशन एक्ट ही बनाया है। सरकार को इसी कमी का फायदा देश के विभिन्न हिस्सों में उठाया जा रहा है। यदि पंजाब, हरियाणा, गुजरात और देश के विभिन्न भागों की बात की जाए तो अब तक औसतन इमिग्रेशन के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी हो चुकी है। इसी तरह अवैध रूप से विदेश भेजने शरणार्थी के रूप में डोंकी वीजा के नाम पर चल रहे अवैध कारोबार में दर्जनों बच्चों की मौत हो चुकी है।
यह जानकारी के. ए. डी इमीग्रेशन सर्विसेज के एम डी डा. अरविंद कुमार कादियान ने दी। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस मामले में सूचना के अधिकार के अंतर्गत भारतीय विदेश मंत्रालय, हरियाणा गृह विभाग, डीजीपी हरियाणा के कार्यालय में जानकारी मांगने के लिए आरटीआई लगाई। अभी तक संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जो जानकारी मिली उसके अनुसार अभी तक देश में उपरोक्त सेवाओं के रेगुलेशन के लिए कोई नीति नहीं बनी है। उन्होंने कहा कि भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि संबंधित विदेशी देशों की सरकार ही इमिग्रेशन का काम करने के लिए लाइसेंस देती हैं। विदेश मंत्रालय हरियाणा राज्य या देश के किसी भी हिस्से में इमिग्रेशन वीजा, स्टडी वीजा, विजिटर वीजा जैसी वीजा सेवाएं व परामर्श देने वाले एजेंटों को कोई लाइसेंस जारी नहीं करता है। केवल कामगार को भेजने के लिए ही एजेसी को रजिस्टर्ड करने की ही व्यवस्था है। उन्होंने बताया, कि आखिरकार इमिग्रेशन सेवाओं को चलाने के लिए आहर्ता तय हो। जो भी इमिग्रेशन कंसल्टेंट संबंधित देशों से पंजीकृत हों, उन्हीं को इमिग्रेशन सेवाएं देने की इजाज़त दी जाए और इसकी सूची भारत सरकार जारी करे। इससे भ्रम समाप्त होगा। उन्होंने बताया कि अब तक वह संबंधित मंत्रालयों से जवाब मांग चुके हैं मगर किसी के पास जवाब नहीं है। उन्होंने कहा कि वह स्वयं कनाडा सरकार की एजेंसी के द्वारा प्रमाणित और अधिकृत सलाहकार के साथ कैनेडियन एसोसिएशन आफ प्रोफेशनल इमीग्रेशन कंसल्टेंट्स के सदस्य हैं। वह आई सी ई एफ द्वारा प्रमाणित अंतरराष्ट्रीय परामर्शदाता के साथ भर्ती कर्ता हैं। वह लंबे समय तक करनाल में सरकारी कालेज में एसोसिएट प्रोफेसर के साथ साथ असंध के राजकीय कालेज में प्राचार्य के पद पर रहे हैं। वह कनाडा में भी काफी समय तक रहे। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि कनाडा जाने से पहले सभी यह सुनिश्चित करें कि जिस कंसलटेंट के पास आप जा रहे हो वह कनाडा सरकार के द्वारा अधिकृत परामर्शदाता भी है या नहीं।
सरकार तय करे इमिग्रेशन कंसल्टेंट की योग्यता: केवल संबंधित विदेश की सरकार से प्राप्त लाइसेंस शुदा को ही इमिग्रेशन का काम करने के लिए अधिकृत करें। किसी को भी संबंधित विदेशी सरकार से लाइसेंस या प्रमाणन के बिना भारत में अभ्यास करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। विदेशी राष्ट्रों के द्वारा केवल उन्हीं व्यक्तियों को लाइसेंस दिया जाता है जो उस संबंधित देश का इमिग्रेशन पाठ्यक्रम परीक्षा और प्रमाणन परीक्षा पास करते हैं। स्बंधित विदेशी सरकार के के नियमों, प्रक्रियाओं के अनुसार संबंधित विदेशी सरकार के द्वारा बिना लाइसेंस प्राप्त किए किसी शुल्क या प्रतिफल के लिए इमिग्रेशन सलाह देना कानूनन दंडनीय अपराध है।
वह युवाओं को अनधिकृत सलाहकारों के चंगुल से बचाने के लिए जागरूकता अभियान फैला रहे हैं। वह चंडीगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। हरियाणा में, केवल वह और एक या दो अन्य लोग हैं जो कनाडाई सरकार द्वारा पंजीकृत आव्रजन सलाहकार के रूप में अभ्यास कर रहे हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि केवल संबंधित विदेशी सरकार की नियामक संस्था या एजेंसियां ही लाइसेंस जारी करती हैं. मंत्रालय हरियाणा राज्य या देश के किसी भी हिस्से में आव्रजन वीजा, अध्ययन वीजा, आगंतुक वीजा जैसी वीजा और परामर्श सेवाएं देने वाले एजेंटों को कोई लाइसेंस जारी नहीं करता है। आप्रवासन का अभ्यास करने के लिए लाइसेंस देना संबंधित विदेशी सरकार का विषय है। विदेशी राष्ट्रों के पास अपने स्वयं के नियम और कानून हैं, केवल उन व्यक्तियों को लाइसेंस दिया जाता है जो आव्रजन कानून पाठ्यक्रम लेते हैं और प्रमाणन (लाइसेंस परीक्षा) में बैठते हैं और इस आव्रजन कानून परीक्षा को उत्तीर्ण करने और प्रमाणन परीक्षा देने के बाद ही उन्हें लाइसेंस दिया जाता है। दुनिया में कहीं भी वीजा सेवाओं (विदेशी देश के संबंध में) का अभ्यास करने की अनुमति स्बंधित विदेश की सरकार के द्वारा दी जाती है। लेकिन राज्य सरकारें. इस तथ्य से अवगत नहीं हैं. स्थिति की विडंबना यह है कि भारत में कोई भी संबंधित विदेशी सरकार द्वारा प्रमाणित (आव्रजन कानून/ अभ्यास परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद) बिना वीजा परामर्श/ आव्रजन एजेंसी शुरू कर सकता है। आईईएलटीएस और अन्य कोचिंग संस्थान हर जगह उग आए हैं, और वे संबंधित विदेशी सरकार/देश से किसी प्राधिकरण या लाइसेंस या प्रमाणीकरण के बिना वीजा आवेदन दाखिल करने की प्रक्रिया कर रहे हैं जो पूरी तरह से अवैध है। कानूनी शब्दावली में इन लोगों को अनधिकृत सलाहकार कहा जाता है। राज्य सरकारों को एक नीति बनानी चाहिए और नियमित करना चाहिए कि किसी को भी संबंधित विदेशी सरकार से लाइसेंस या प्रमाणन के बिना इमिग्रेशन सेवाएं देने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। क्योंकि आप्रवासन केंद्र या राज्य सरकार का विषय नहीं है। किसी भी विदेशी सरकार के नियमों, नीति, प्रक्रियाओं के अनुसार संबंधित विदेशी सरकार द्वारा लाइसेंस प्राप्त किए बिना किसी शुल्क या अन्य प्रतिफल के लिए आप्रवासन सलाह प्रदान करना कानून द्वारा दंडनीय अपराध है।
निर्दोष लोगों और विशेष रूप से युवाओं को भूत सलाहकारों/अनधिकृत एजेंटों द्वारा की गई धोखाधड़ी से बचाने के लिए, राज्य सरकारों को नीति में निम्नलिखित शामिल करना चाहिए।
संबंधित विदेशी सरकार से लाइसेंस या प्रमाणन प्राप्त करना अनिवार्य बनाना। हमारी सरकार को केवल यह आश्वस्त करना है कि संबंधित विदेशी राष्ट्र से लाइसेंस/प्रमाणन के बिना किसी को भी अभ्यास करने की अनुमति नहीं है।
कोचिंग पर लगाम लगाई जाए की उनका कार्य केवल कोचिंग देना है। वीजा सेवाएं देना उनका कार्य नहीं है। उनके . द्वारा वीजा सेवाएं इत्यादि की मार्केटिंग को तुरंत बंद किया जाए।


