कजरी,ठुमरी,चैती की खूबसूरत प्रस्तुतियों से सजी एक मधुर शाम…
प्राचीन कला केन्द्र द्वारा बनारस घराने के जाने माने शास्त्रीय गायक पंडित राम प्रकाश मिश्र के ठुमरी,कजरी एवं चैती की खूबसूरत प्रस्तुति पेश की गई । इस कार्यक्रम का आयोजन केन्द्र के 35 स्थित एम.एल.कौसर सभागार में सायं 5 :00 बजे से किया गया । इस विशेष अवसर पर केंद्र के रजिस्ट्रार एवं कत्थक गुरु शोभा कौसर , सचिव श्री सजल कौसर भी उपस्थित थे
आज के कलाकार पंडित रामप्रकाश मिश्र बनारस घराने के जानेमाने शास्त्रीय गायक एवं गुरू हैं। इन्होंने संगीत की शिक्षा अल्पायु से ही लेनी प्रारंभ की और बनारस घराने के विख्यात गुरू पंडित महादेव मिश्र से ठुमरी टप्पे इत्यादि की बखूबी शिक्षा प्राप्त की । इनके गायन में घराने की परंपरा,स्वरों की शुद्धता,पद्धति पूर्ण गायन,मधुरता,मींड,मुर्की तानें,तिहाइयों एवं लयकारियों का सम्मिश्रण है । इन्होंने बहुत से कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया है ।
कार्यक्रम की शुरुआत राग भीम में निबद्ध ख्याल से की । पारम्परिक आलाप के बाद ‘‘कृपा करो हे गिरधारी ’’ बंदिश से कार्यक्रम की भक्तिमयी शुरुआत की । उपरांत राग खमाज से सजी ठुमरी ‘‘सुरतिया देखे बिन नहीं चैन’’ पेश की । जिसे दर्शकों ने खूब सराहा । इसके पश्चात राग पहाड़ी में निबद्ध एक दादरा जिसके बोल थे ‘‘मोरी छोरो डगरिया श्याम’’ पेश करके दर्शकों की तालियाँ बटोरी।
कार्यक्रम के अंत में पंडित राम प्रकाश ने एक दादरा राग पीलू में गाया जिसके बोल थे ‘‘गौरी बाके नैन से चलाए जदुआ’’ जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। कार्यक्रम में इनके साथ तबले पर चंडीगढ़ के युवा तबला वादक रजनीश धीमान और हारमोनियम पर पीयूश मिश्रा ने बखूबी संगत की ।
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