भगवान परशुराम भवन सैक्टर 37 सी चंडीगढ़ में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का तीसरा दिन…
भगवान परशुराम भवन सैक्टर 37 सी चंडीगढ़ में श्री देवालय पूजक परिषद चंडीगढ़ द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के तीसरे दिन प्रसिद्ध विद्वान पंडित दाता राम मिश्रा जी ने पूज्य व्यासपीठ से राजा परीक्षित के बारे में विस्तार से जानकारी दी और पितृ श्राद्ध पक्ष के पावन दिनों में श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का महात्म बताते हुए कहा कि श्राद्ध पक्ष के दिनों में जो भी शुभ एवं पुण्य कार्य तर्पण इत्यादि किए जाते हैं उनसे पितरों को शांति मिलती है। ब्राह्मणों को भोजन कराके दक्षिणा आदि देने से पितृ की तृप्ति होती है। पंडित दाता राम शास्त्री जी ने कहा कि शुद्ध कर्मकांडी ब्राह्मण का जीवन अत्यंत कठिन होता है। उसे अपने चरित्र और कठिनतम कार्य शैली द्वारा समाज के लिए एक उपयुक्त आदर्श प्रदर्शित करना पड़ता है। पंडित दाता राम जी ने कहा कि दान देने वाले से दान लेने वाला अधिक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
श्री देवालय पूजक परिषद चंडीगढ़ के अध्यक्ष पंडित लाल बहादुर दुबे जी ने श्री ब्राह्मण सभा चंडीगढ़ और महिला संकीर्तन मंडली तथा भगवान परशुराम भवन सैक्टर 37 सी चंडीगढ़ के सभी प्रबंधक कार्यकर्ताओं के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
श्री ब्राह्मण सभा चंडीगढ़ के प्रधान श्री यशपाल तिवारी ने श्री देवालय पूजक परिषद चंडीगढ़ के महासचिव पंडित ओम प्रकाश शास्त्री जी और मुख्य कोषाध्यक्ष पंडित देवी प्रसाद पैन्यूली जी के अथक प्रयास और परिश्रम को देखते हुए उनका आभार व्यक्त किया। पंडित लाल बहादुर दुबे जी के नेतृत्व में समाज की भलाई हेतु श्री देवालय पूजक परिषद चंडीगढ़ द्वारा बहुत ही सराहनीय कार्य किया जा रह है।
मंडपाचार्य पंडित दुर्गेश बिंजोला जी हमेशा की तरह बहुत कुशलता से मंच संचालन का कार्यभार संभाल रहे हैं। पंडित दुर्गेश जी ने बताया की प्रतिदिन प्रातः 8 बजे से 11 बजे तक पूजन एवं पितृमोक्ष तर्पण आदि किया जाता है जो लोग श्राद्ध पक्ष में तर्पण पूजन इत्यादि कराना चाहें वे अपना नाम पता लिखवा कर समय सुनिश्चित कर सकते हैं।
देवालय पूजक परिषद के उपाध्यक्ष पंडित जय प्रकाश सेमवाल ने बताया कि श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा के श्रोताओं की सुविधा के लिए कथा के उपरांत प्रतिदिन भोजन भंडारे की व्यवस्था की गई है। उन्होंने अनुरोध किया कि सभी उपस्थित भक्तजन भोजन प्रसाद अवश्य ग्रहण करके जय करें। कथा में उपस्थित सभा के संरक्षक पंडित उमाशंकर पांडेय जी एवं सदस्य प्रकाश जोशी जी राम गोपाल पंडित जी ब्राह्मण सभा महासचिव अनिल शर्मा जी पाठक श्री नवल किशोर पाठक श्री कृष्ण लाल शर्मा परशुराम संकीर्तन मंडली उपस्थित रहे


