चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया फेस 2 में पूर्व मेयर श्री देवेश मोदगिल व लोगों ने मिलकर पौधारोपण किया
भारत जैसे प्रकृति पूजक देश में पर्यावरण पर गंभीर संकट खड़े हैं और इससे निपटने में पौधारोपण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जाहिर है इसका समाधान प्रदूषण कम करने के साथ ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पेड़ लगाने में है। अमूमन होता यह है कि सरकारें या स्वयंसेवी संस्थाएं जोरशोर से बड़े पैमाने पर पौधारोपण तो करती हैं, लेकिन उनका परिणाम लगभग शून्य ही आता है।इतिहास के कई उदाहरण बताते हैं कि पौधारोपण का कार्य कितनी भावना, निष्ठा एवं आनंदमयी तरीके से किया जाता था, हमें इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। वर्षाकाल प्रारंभ होते ही देशभर में पौधारोपण के आयोजन होने लगते हैं, जो वृक्ष-रोपण के नाम से ज्यादा प्रचलित हैं।
10-15 वर्षों में यदि ये आयोजन पेड़ों से लगाव पैदाकर नैतिक जिम्मेदारी से किए जाते तो शायद घटती हरियाली का संकट इतना गम्भीर नहीं होता।
हमारी सभ्यता एवं संस्कृति में पेड़ों का विशेष महत्व रहा है एवं वे देवतुल्य माने गए हैं। इतिहास में जाकर देखें तो हमें कई ऐसे उदाहरण मिलते हैं, जहां पौधारोपण का कार्य कितने हर्षोल्लास एवं जिम्मेदारी से किया जाता था।
ऐसे में चंडीगढ़ पौधारोपण अभियान के तहत शुक्रवार को इंडस्ट्रियल एरिया फेस 2 में पौधा रोपण किया गया। इस कार्य को पूर्व मेयर और क्षेत्र के पार्षद देवेश मोदगिल के नेतृत्व में लोगों ने बीएसएनएल कार्यालय के पास स्थित पार्क में चांदनी, जेट्रोफा, गार्डेनिया और टिकोमा के पौधे लगाए। देवेश मोदगिल ने लोगों को पौधे लगाने के साथ ही उनके संरक्षण का भी संकल्प दिलाया इस मौके पर करन वासुदेव, अशोक तिवारी, एसइ हॉर्टिकल्चर केपी सिंह और कार्यकारी जंगशेर सिंह ने भी पौधे लगाए।