पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट का भंग किया जाना अलोकतांत्रिक कदम है: एच.एस. लक्की….
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एच.एस. लक्की ने पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट को भंग किए जाने की कड़ी निंदा की है और इसे पूरी तरह अलोकतांत्रिक व राजनीतिक रूप से प्रेरित कदम बताया है।
अपने बयान में एच.एस. लक्की ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट हमेशा से एक लोकतांत्रिक संस्था रही है, जो शिक्षकों, पूर्व छात्रों, विद्यार्थियों और प्रतिष्ठित शिक्षाविदों जैसे समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व करती आई है। यह संस्था विश्वविद्यालय के पारदर्शी और सहभागी संचालन में अहम भूमिका निभाती है। ऐसे प्रतिनिधिक निकाय को मनमाने ढंग से भंग करना विश्वविद्यालय की स्वायत्तता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है।
उन्होंने आगे कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी सिर्फ एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि शैक्षिक उत्कृष्टता और लोकतांत्रिक भागीदारी का प्रतीक है। “सीनेट को भंग कर सरकार ने असहमति की आवाज़ों को दबाने और संस्थागत स्वतंत्रता को कमजोर करने का प्रयास किया है। यह भाजपा सरकार की उन प्रवृत्तियों को दर्शाता है जिनके तहत वह स्वायत्त संस्थानों पर नियंत्रण स्थापित कर अपनी राजनीतिक विचारधारा थोपना चाहती है,” लक्की ने कहा।
चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष ने सीनेट की तत्काल बहाली की मांग की और सभी लोकतांत्रिक व शैक्षणिक वर्गों से इस असंवैधानिक निर्णय के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी शिक्षकों, विद्यार्थियों और पूर्व छात्रों के साथ खड़ी है और पंजाब यूनिवर्सिटी की गरिमा, परंपरा और लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।”
लक्की ने ज़ोर देकर कहा कि शिक्षा को राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त रहना चाहिए, और पंजाब यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान विचार की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक संवाद के मंच बने रहने चाहिए, न कि राजनीतिक नियंत्रण के उपकरण।
जारीकर्ता:
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी


