स्कंदमाता देवी पार्वती का ही एक नाम है : श्री हरि जी महाराज….
श्री राधा माधव सेवा ट्रस्ट, चण्ढीगढ़ द्वारा श्री शिव महापुराण कथा ज्ञान तथा भक्ति यज्ञ मे कथा व्यास श्री हरि जी महाराज के श्रीमुख से सैक्टर -51 सी, चण्डीगढ़ मे हो रही श्री शिव महापुराण कथा के मे आज की कथा मे बताया की स्कंदमाता देवी पार्वती का ही एक नाम है, जो भगवान कार्तिकेय (जिन्हें स्कंद भी कहा जाता है) की माता होने के कारण यह नाम धारण करती हैं। स्कंदमाता, देवी पार्वती का वह स्वरूप हैं जो प्रेम और वात्सल्य की देवी हैं और नवरात्रि के पाँचवें दिन इनकी पूजा की जाती है।
स्कंदमाता का अर्थ है ‘स्कंद की माता’।
भगवान कार्तिकेय की माता: देवी पार्वती ने अपने पुत्र कार्तिकेय को पाला और उन्हें युद्ध के लिए तैयार किया, इसलिए उन्हें स्कंदमाता कहा जाता है।
माँ स्कंदमाता की पूजा के साथ भक्त उनके वात्सल्य, प्रेम और ज्ञान का आशीर्वाद लेते हैं।
भजन
मेरा दिल तो दीवाना हो गया मुरली बाले तेरा॥
मुरली बाले तेरा,बंशी बाले तेरा॥
नजरो का निशाना हो गया मुरली बाले तेरा॥
बहुत भारी मात्रा में भक्तों ने कथा व्यास के प्रवचनों तथा भजनों का आनंद लिया कथा उपरांत भगवान् भोले शंकर की सामूहिक आरती के बाद भंडारा प्रसाद वितरित किया


