प्राचीन कला केन्द्र के छात्रों द्वारा शास्त्रीय संगीत की मधुर प्रस्तुतियां….
प्राचीन कला केन्द्र अपने छात्रों को मंच प्रस्तुतियों हेतु तैयार करने के लिए मासिक श्रृंखला परंपरा द्वारा छात्रों के लिए सांगीतिक कार्यक्रमों का आयोजन करता आ रहा है । इस कड़ी के तहत एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन प्राचीन कला केन्द्र के मोहाली परिसर में स्थित डॉ. शोभा कौसर सभागार में सायं 400 बजे से किया गया । केन्द्र के संगीत विभाग के गुरूओं के निर्देशन में छात्रों ने अपनी कला का बखूबी प्रदर्शन किया । आज के कार्यक्रम में श्री प्रवेश कुमार एवं ,श्री दविंदर सिंह के निर्देशन में छात्रों ने अपनी कला प्रतिभा से दर्शकों की सराहना प्राप्त की । इसमें 10 से 45 वर्ष तक के लगभग 65 कलाकारों ने भाग लिया ।
आज के कार्यक्रम में सबसे पहले गुरू प्रवेश कुमार के निर्देशन में सरस्वती वंदना पेश की गई जिसमें लगभग 11 छात्रों ने भाग लिया । इसके बोल थे ‘‘ स्वरों में एक स्वर मेरा मिला दो “। इसके उपरांत राग भैरवी पर आधारित गिटार वादन पेश किया गया । इस समूह वादन में श्री दविंदर के निर्देशन में मधुर प्रस्तुति पेश की गयी । उपरांत राग भैरवी में एक युगल गिटार वादन की प्रस्तुति दी गई । कार्यक्रम के अगले भाग में एकल गिटार वादन प्रस्तुतियां पेश की गई जिसे दर्शकों ने खूब सराहा ।
इसके उपरांत राग भैरव पर आधारित समूह गायन जिसके बोल थे प्रातः भयो जाग जोकि शुद्ध शास्त्रीय गायन पर आधारित था , पेश किया गया और साथ ही एक भजन मीरा मगन भई पेश किया गया । कार्यक्रम के अंतिम भाग में राग बिहाग पर आधारित रचना राम नाम रास पीजे पेश की गयी। राग मियां मल्हार पर आधारित रचना उमड़ घुमड़ आये बदरवा पेश करके कलाकारों ने खूब तालियां बटोरी जिस में विलम्बित ख्याल एक ताल में , छोटा ख्याल तीन ताल में एक रचना फूल बगियन बहार आयी तथा तराना पेश किया गया। इसके बाद एक भजन अब मोरी रहो लाज हरि पेश किया गया। इस कार्यक्रम को दर्शकों ने खूब सराहा । इस तरह के कार्यक्रमों से केन्द्र कला को युवा पीढ़ी में प्रचारित एवं प्रसारित करने के साथ-साथ शास्त्रीय संगीत में रूचि बढ़ाने हेतु अपना योगदान दे रहा है जो कि प्रशंसनीय है ।
कार्यक्रम के अंत में केन्द्र की एडिशनल रजिस्ट्रार डॉ समीरा कौसर ने प्यार भरे शब्दों से छात्रों का उत्साहवर्धन किया और गुरूओं के परिश्रम और प्रयास की सराहना की । इनके साथ संगत कलाकारों में श्री रजनीश धीमान ने तबले पर , श्री प्रवेश कुमार ने हारमोनियम पर बखूबी संगत की।


