चंडीगढ़ कांग्रेस ने शहर की सड़कों की भयावह स्थिति को लेकर सौंपा ज्ञापन….
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एच. एस. लक्की के नेतृत्व में कांग्रेस पार्षदों — वरिष्ठ उपमहापौर जसबीर बंटी, उपमहापौर तरुणा मेहता, गुरप्रीत गबी, दर्शना रानी, निर्मला देवी और सचिन गालव — तथा वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं यादविंदर मेहता और दिलावर सिंह ने आज नगर निगम स आयुक्त श्री अमित कुमार को एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने चंडीगढ़ नगर निगम के अधीन आने वाले क्षेत्रों में सड़कों की बुरी तरह से बिगड़ती स्थिति की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया।
ज्ञापन में कहा गया कि यह शायद पहली बार है जब नगर निगम के इतिहास में सड़कों की हालत इतनी बदतर और चिंताजनक हो गई है। चंडीगढ़, जो कभी अपनी उत्कृष्ट शहरी योजना और बेहतर सड़क ढांचे के लिए जाना जाता था, आज गहरे गड्ढों, टूटी-फूटी सड़कों, ऊबड़-खाबड़ सतहों और किनारों के टूटने जैसी समस्याओं से जूझ रहा है — जिससे आम लोगों और राहगीरों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है।
निवासियों, रेज़िडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों और चुने हुए पार्षदों द्वारा बार-बार शिकायतें किए जाने के बावजूद, नगर निगम या प्रशासन द्वारा अब तक किसी भी प्रकार की ठोस या व्यवस्थित मरम्मत या पुनः निर्माण की पहल नहीं की गई है। मानसून ने हालात को और भी बिगाड़ दिया है, जिससे जलभराव और पहले से ही क्षतिग्रस्त सड़कों का क्षरण और तेज़ हो गया है।
आयुक्त को अवगत कराया गया कि सबसे बुरी हालत उन क्षेत्रों की है, जिनमें लगभग सभी सेक्टरों की आंतरिक रिहायशी सड़कें शामिल हैं, जो गड्ढों से भरी पड़ी हैं; इंडस्ट्रियल एरिया फेज़ 1 और 2, जहां सड़कों की जर्जर हालत से व्यापार और आवागमन प्रभावित हो रहा है; वहीं धनास, मौली जागरण, हल्लो माजरा, बुडैल, बापूधाम, पलसोरा, रामदरबार, इंदिरा कॉलोनी, मलोया और मनीमाजरा जैसे इलाकों और कॉलोनियों की सड़कें पूरी तरह से उपेक्षित हैं।
आंतरिक बाज़ारों की सड़कें भी बेहद असुरक्षित हो चुकी हैं, खासकर साइकिल सवारों, दोपहिया वाहन चालकों और बुज़ुर्गों के लिए। यहां तक कि मुख्य मार्ग, जैसे सेक्टर 26 के ग्रेन मार्केट से ट्रांसपोर्ट एरिया तक जाने वाली सड़कें भी गंभीर रूप से खराब स्थिति में हैं।
यह बेहद निराशाजनक है कि सड़क मरम्मत और रखरखाव के लिए हर वर्ष सैकड़ों करोड़ रुपये स्वीकृत किए जाते हैं, लेकिन इन कार्यों का क्रियान्वयन बेहद लचर, अव्यवस्थित और जवाबदेही से परे है। आम जनता इसका खामियाजा भुगत रही है, जबकि नगर निगम की साख निरंतर गिरती जा रही है।
इन हालातों को देखते हुए, कांग्रेस पार्टी ने निम्नलिखित मुख्य मांगें तत्काल विचार और कार्रवाई हेतु प्रस्तुत की हैं:
एक स्वतंत्र तकनीकी संस्था की निगरानी में शहरभर की सड़कों की स्थिति का व्यापक सर्वेक्षण कराया जाए।
अधिक यातायात वाले और रिहायशी क्षेत्रों में सड़कों की तत्काल मरम्मत और पुनर्निर्माण युद्ध स्तर पर किया जाए।
पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान जारी टेंडरों, स्वीकृत निधियों, कार्य की समयसीमा और पूर्णता की स्थिति की सार्वजनिक जानकारी दी जाए।
सड़क संबंधी शिकायतों के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन और ऑनलाइन पोर्टल स्थापित किया जाए, जिसकी साप्ताहिक समीक्षा वरिष्ठ अभियंता अधिकारियों द्वारा की जाए।
घटिया गुणवत्ता वाले सड़क निर्माण कार्यों में शामिल ठेकेदारों और अभियंताओं के खिलाफ सख्त जवाबदेही तय की जाए, जिसमें वित्तीय दंड और ब्लैकलिस्टिंग जैसे प्रावधान लागू हों।
चंडीगढ़ एक समय में अपनी दूरदर्शी शहरी योजना और सुव्यवस्थित अवसंरचना के लिए देशभर में मिसाल था। आज उसकी सड़कें प्रशासनिक उदासीनता और विफलता का प्रतीक बन गई हैं। यह स्थिति न केवल नागरिकों के लिए, बल्कि जनहित के लिए प्रतिबद्ध चुने हुए प्रतिनिधियों के लिए भी अत्यंत चिंता का विषय है।
उन्होंने नगर आयुक्त से आग्रह किया कि इस गंभीर मुद्दे को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लेकर शीघ्र सुधारात्मक कार्रवाई की जाए।
एच. एस. लक्की
अध्यक्ष, चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी
कांग्रेस पार्षदगण
नगर निगम चंडीगढ़


