डॉ. सहाय थाथेयस थॉमस को सिमला-चंडीगढ़ डायोसिस के नए बिशप के रूप में नियुक्त किया गया…

चंडीगढ़ 13 मई, 2025: डॉ. सहाय थाथेयस थॉमस को 13 मई को एक औपचारिक समारोह के दौरान सिमला-चंडीगढ़ डायोसिस के छठे बिशप के रूप में नियुक्त किया गया। यह नियुक्ति डायोसिस के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था, जो उत्तर भारत के कई हिस्सों को कवर करता है।
तमिलनाडु के चिन्ननविलई से मूल रूप से आने वाले बिशप थॉमस का जन्म 6 नवंबर 1971 को हुआ था। अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद वे 1988 में उत्तर भारत आ गए और सिमला-चंडीगढ़ डायोसिस में शामिल होकर लखनऊ और जालंधर के सेमिनारियों में पुरोहित प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्हें 13 मई 2001 को एक कैथोलिक पादरी के रूप में अभिषेकित किया गया।
पिछले दो दशकों में बिशप थॉमस ने पंचकूला, कौली-शेखपुरा और संगरूर मिशनों में विभिन्न पादरी और नेतृत्व भूमिकाएं निभाई हैं। उन्होंने डायोसिसन प्रीस्ट्स सीनेट के सचिव, डायोसिसन जांच केंद्र और मीडिया आयोग के निदेशक, और जालंधर के होली ट्रिनिटी मेजर सेमिनरी के रेक्टर जैसे पदों पर कार्य किया। उन्होंने वीएससीआर के क्षेत्रीय सचिव और एआरएमएस के अध्यक्ष के रूप में भी सेवा की है।
शैक्षणिक रूप से उनके पास वियना विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रिया से पवित्र धर्मशास्त्र में डॉक्टरेट है, साथ ही पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला और भारतीय मानवाधिकार संस्थान, दिल्ली से पत्रकारिता, जनसंचार और मानवाधिकार में स्नातकोत्तर डिग्रियां हैं।
स्थापना समारोह में कई विशप, पादरी, धार्मिक और विश्वासीगण शामिल हुए। स्वर्गीय पोप फ्रांसिस द्वारा की गई आधिकारिक नियुक्ति समारोह में पढ़ी गई। दिल्ली के आर्चबिशप अनिल जोसेफ थॉमस कुट्टो मुख्य अभिषेककर्ता थे और उनके साथ सह-अभिषेककर्ता बिशप इग्नेटियस एल. मास्करेन्हास और विशप एंग्लो रुफिनो ग्रेसियस थे।
स्थापना के बाद, विशप थॉमस ने डायोसिस की पादरी नेतृत्व की जिम्मेदारी संभाली। इस अवसर पर पुरोहिताई सिल्वर और स्वी जुबली मना रहे पादरियों का सम्मान करते हुए एक अभिनंदन समारोह भी आयोजित किया गया।
जारीकर्ताः
सिमला-चंडीगढ़ डायोसिस