नारी सम्मान बचाओ, संस्कृति बचाओ, मानवता बचाओ कन्वेंशन महर्षि वाल्मीकि आश्रम सेक्टर-52, चंडीगढ़ में आयोजित….

ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाइजेशन की ओर से नारी सम्मान बचाओ, संस्कृति बचाओ, मानवता बचाओ कन्वेंशन महर्षि वाल्मीकि आश्रम सेक्टर-52, चंडीगढ़ में आयोजित किया गया जिसमें करीब 150 लोगों ने चंडीगढ़ और पंजाब के अलग-अलग हिस्सों से भाग लिया। यह कन्वेंशन AIDYO की ओर से आयोजित राष्ट्रव्यापी आंदोलन का हिस्सा है जिसका उद्देश्य है समाज में व्याप्त तमाम सामाजिक समस्याओं के मूल कारण को साधते हुए लोगों को जागरूक बनाना, लोगों को संगठित करना (खासकर नौजवानों को) और पीड़ित लोगों के लिए न्याय की मांग करना।
हम सभी 9 अगस्त 2024 को कोलकाता के आर जी कर अस्पताल में घटित हुई अभया की भयानक घटना से वाकिफ हैं जहां एक महिला डॉक्टर का विभत्स रूप से बलात्कार और मर्डर किया गया। 7 महीने बीतने पर भी अभी तक न्याय नहीं मिला है। यह दुखद घटना कोई अकेली ऐसी घटना नहीं है बल्कि हमारे देश में महिला सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति का एक आईना है। यहां तक की टीवी विज्ञापनों और मोबाइलों पर जो अपसंस्कृति आ रही है वह ऐसी मानसिकता तैयार कर रही है कि महिला एक सामान है। एक आंकड़े के अनुसार देश में लगभग 70 से 80 बलात्कार की घटनाएं रोजाना दर्ज होती है और 2019 से 2021 के दौरान देश में करीब 13 लाख महिलाएं व बच्चियां गायब हुई हैं। यह घटनाएं हमें इसके लिए सामूहिक रूप से कुछ करने के लिए आह्वान कर रही हैं ।
साथ ही साथ ड्रग्स, शराब ऑनलाइन गैंबलिंग और सोशल मीडिया की लत सांस्कृतिक गिरावट की ओर इशारा करती है। ये बुराइयां लोगों की आपराधिक मानसिकता तैयार करने और आखिर में उन्हें वीभत्स अपराध करने की ओर ले जाती हैं। हाल ही में ऐसा पाया गया है कि गेमिंग और जुए की लत होने से व्यवहार में आक्रामकता, चिंता और वित्तीय संकट में भी बढ़ोत्तरी हुई है जो कि कईं लोगों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दे रही है।
साथ ही साथ वृद्धाश्रमों की बढ़ती संख्या सभ्य समाज के मुंह पर एक तमाचा भी है।
इन सब घटनाओं को ध्यान में रखकर, आम लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया गया है ताकि किस तरह वे अपने चारों ओर एक सुरक्षित, न्यायपूर्ण और मानवीय वातावरण बनाने और इन मुद्दों पर अंकुश लगाने के लिए एकजुट हों। इस उद्देश्य के लिए, विभिन्न संस्थानों और संगठनों के विभिन्न प्रतिष्ठित व्यक्ति आगे आए और इस विषय के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। सम्मेलन की अध्यक्षता AlDYO के चंडीगढ़ – पंजाब के संयोजक डॉ. अमित कुमार ने की। यह सम्मेलन जलियांवाला बाग नरसंहार के शहीदों की याद में आयोजित किया गया जिसकी
शुरुआत ‘ सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है’ गीत से हुई और फिर वक्ताओं ने अपने विचार रखे। डॉ इंद्रप्रीत कौर, जो कि वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक और CSIR-CSIO, चंडीगढ़ में आईसीसी चेयरपर्सन हैं, ने कार्य क्षेत्र पर महिलाओं पर होने वाली घटनाओं को इंगित किया। विशेष रूप से महिलाओं द्वारा कार्य क्षेत्र पर इस तरह की घटनाओं का सामना करने और संस्थाओं और महिलाओं द्वारा लिए जाने वाले उपायों का सुझाव दिया । उन्होंने अनुच्छेद 19 का उल्लेख करते हुए POSH ( कार्यक्षेत्र पर यौन हिंसा निवारण ) अधिनियम और यौन हिंसा के विरुद्ध किस तरह शिकायत दर्ज करनी है के बारे में बताया।
डॉ. प्रणीत रेड्डी जोकि PGIMER के सीनियर रेजिडेंट है और ऑल इंडिया रेजिडेंट एंड जूनियर डॉक्टर्स ज्वाइंट एक्शन फोरम के नॉर्थ जोन के संयोजक हैं, ने कोलकाता आर जी कर मेडिकल कॉलेज की घटना पर बात रखी। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि हमें लड़के और लड़की में भेद नहीं करना चाहिए और यह सबसे पहले हमारे घरों से शुरू होना चाहिए। हमें लड़कियों को पढ़ाई, रोज़गार और अन्य सामाजिक गतिविधियां करने से नहीं रोकना चाहिए।
छबि मोहंती, महासचिव, ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन ने महिलाओं पर बढ़ते अपराध और उसके खिलाफ आंदोलन करने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को संगठित होने और तमाम तरह के अत्याचारों से मुक्त होने की सख्त जरूरत है । उन्होंने आगे कहा कि हमारी लड़ाई पुरुषों से नहीं बल्कि पितृसत्तात्मक मानसिकता से है और महिलाओं को लड़ने से नहीं डरना चाहिए।
प्रोफेसर सुपिन्दर कौर, प्रोफेसर, कानून विभाग, पंजाब यूनिवर्सिटी ने महिलाओं पर अपराध के कानूनी पहलुओं पर बात रखी। उन्होंने जस्टिस वर्मा के सुझावों पर भी बात रखी।
डॉ भूपेंद्र कौर वाराइच, मनोवैज्ञानिक, मोहाली ने नौजवानों और बच्चों पर सोशल मीडिया और ऑनलाइन जुए के अत्यधिक उपयोग की वजह से होने वाली मनोवैज्ञानिक चिंताओं को व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के बढ़ते उपयोग की वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है और जिसके परिणामस्वरूप व्याकुलता बढ़ती है और आत्महत्या का कारण बनती है।
प्रोफेसर सुखदेव सिंह सिरसा, सेवानिवृत प्रोफेसर और हेड, पंजाबी विभाग, पंजाब युनिवर्सिटी एवं महासचिव, ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव राइटर्स एसोसिएशन ने मौजूदा सांस्कृतिक बदलाव के पर अपना मत रखते हुए कहा कि आज के समय में समाज सांस्कृतिक रूप से गिरता जा रहा है जिससे हमसब प्रभावित हो रहे है।
डॉ. हरदेव सिंह, ऑल इंडिया काउंसिल मेंबर, मेडिकल सर्विस सेंटर और सेवानिवृत CMO, सिविल अस्पताल, सेक्टर-6, पंचकूला, ने समाज में नैतिक मूल्यों की गिरावट को इंगित किया और इसके खिलाफ़ एकजुट होने की अपील की।
डॉ रजत कौंडल, जूनियर रेजिडेंट, इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, शिमला ने मेडिकल एथिक्स के बारे में बात रखे।
श्रेया, जॉइंट सेक्रेटरी, ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन केंद्रीय कमिटी, ने साइबर अपसंस्कृति के दुष्प्रभावों पर बात रखी। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि छात्रों और नौजवानों में स्मार्टफोन के बढ़ते उपभोग की वजह से इस तरह की अनैतिक गतिविधियां बढ़ रही हैं जिससे महिलाओं के प्रति घृणित मानसिकता तैयार हो रही है जो अपराध को अंजाम दे रही है। उन्होंने आगे कहा कि आज आजादी आंदोलन के महान क्रांतिकारियों, शहीदों और महान व्यक्तित्वों के विचारों को फैलाना होगा।
मैडम क्यूरी विज्ञान केंद्र, चंडीगढ़ की एग्जीक्यूटिव बॉडी मेंबर तथा IISER मोहाली की पीएचडी स्कॉलर शैलेई भौमिक भी इस कन्वेंशन में मौजूद रहीं। उन्होंने वैज्ञानिक सोच को, विशेष रूप से बच्चों के अंदर निर्मित करने की आवश्यकता के बारे में चर्चा की। उन्होंने समस्याओं को सही तरीके से समझने और उनके वैज्ञानिक समाधान के लिए साधारण लोगों के अंदर भी विज्ञान को ले जाने की अपील की।
ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाइजेशन AIDYO की ओर से ऑल इंडिया सेक्रेटेरिएट सदस्य, कुलदीप सिंह ने समाज में सांस्कृतिक पतन पर बात रखी। उन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वाले महापुरुषों को याद करते हुए उनसे सीख लेकर आम आवाम से अपने अधिकारों के लिए संगठित होने की बात कही। उन्होंने कहा कि वृद्धाश्रम इस सभ्य समाज के मुंह पर एक तमाचा है।
अंत में मंच पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों, प्रतिभागियों एवं असंख्य लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया
जिन्होंने ऐसे आयोजनों को सफलतापूर्वक आयोजित करने में AIDYO चंडीगढ़-पंजाब का योगदान दिया।
जारीकर्ता
रवि आफताब
कार्यालय सचिव,
ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाइजेशन, AIDYO
ईमेल: <aidyo.cp@gmail.com>