लाइव कैलेंडर

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  

LIVE FM सुनें

India News24x7 Live

Online Latest Breaking News

शहरवासियों ने जाना विभिन्न राज्यों की नृत्य कला, लोक गीत, लोकवाद्यों को…

पंचकूला 9 दिसंबर 2023:अखिल भारतीय कलाक्षेत्र के संगठन संस्कार भारती की पंचकूला इकाई द्वारा उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, पटियाला के सहयोग से राजकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय, सेक्टर 14, पंचकूला के आडिटोरियम में लोकनृत्य उत्सव का आयोजन किया गया, जिससे शहरवासियों को विभिन्न राज्यों की नृत्य कला, लोक गीत, लोकवाद्यों से रूबरू होने का सुअवसर प्राप्त हुआ।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में रंजीता मेहता, मानद महासचिव, हरियाणा बाल कल्याण परिषद ने शिरकत की। इस दौरान उनके साथ संस्कार भारती के उत्तर क्षेत्र प्रमुख श्री नवीन शर्मा, पंचकूला इकाई के अध्यक्ष सुरेश गोयल, मंत्री सतीश अवस्थी तथा उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला के निदेशक फुरकान खान व शहर के जाने-माने व प्रतिष्ठित कलासाधक जैसे पंजाब की लोक गायिका और संस्कार भारती पंजाब प्रांत की अध्यक्षा सुखमिंदर कौर बराड़, शास्त्रीय गायक पंडित अरविंद शर्मा, पंचकूला इकाई के संरक्षक कैलाश मित्तल, कुसुम गुप्ता, तेजपाल गुप्ता आदि उपस्थित थे।

कार्यक्रम की शुरुआत गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित द्वारा की। विशिष्ट अतिथि रंजीता मेहता जी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की कलाओं में जीवंतता है। ये सबको अपने साथ जोड़ लेती हैं। लोककला तो हमारी मिट्टी की खुशबू है, हमारे कला-इतिहास की वो थाती है जो पीढ़ी दर पीढ़ी समाज को संस्कारित और शिक्षित करती आ रही है। ये समाज की वो जागरूक कला है जो कहीं भी किसी भी समय अंतरात्मा को झकझोर देती हैं।

फुरकान खान ने कहा कि सरकार की योजनानुसार हम भारत की कला के लिए समर्पित हैं और कला और कलासाधकों के उत्थान के लिए समग्र प्रयास जारी हैं। नृत्य कलाकारों के दलों को संचालित करते हुए राजेश बख्शी ने कार्यक्रम के आयोजन की प्रशंसा की और इसकी गुणवत्ता को सराहा।

इसके उपरांत इस भव्य उत्सव में विभिन्न राज्यों उत्तराखंड, मणिपुर, असम, हरियाणा, मिजोरम, जम्मू & कश्मीर के सांस्कृतिक लोककला के कलासाधकों ने अपने राज्य मे प्रचलित लोकगीतों, लोकवाद्यों और लोकनृत्यों का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, साथ ही कार्यक्रम में हरियाणा राज्य की सांस्कृतिक प्रदर्शन की भी झलकी देखने को मिली। कलाकारों की एक के बाद एक नृत्य कला प्रस्तुति ने दर्शकों का समां घंटों बांधे रखा और उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया। इतना ही नहीं, संगीत की मधुर ध्वनि ने पूरे वातावरण सहित सभागार को अपने में समा लिया। दर्शक/श्रोता पूर्ण समय एकाग्रचित होकर एक के बाद प्रस्तुत हो रहे लोकनृत्यों पर तालियां बजाते रहे और कुछ तो साथ-साथ नाच गा भी रहे थे।

कार्यक्रम का प्रारम्भ संस्कार भारती के ध्येय गीत गायन से हुआ। तत्पश्चात स्थानीय नृत्य दल द्वारा प्रस्तुत गणेश वन्दना ने सभी का मन मोह लिया। उसके बाद विभिन्न राज्यों से जो नृत्य दल प्रस्तुती के लिए आए थे उन्होंने अपने नृत्य -उत्तराखंड से घसियारी लोकनृत्य; हरियाणा से फाग लोकनृत्य; मणिपुर से थांगटा लोकनृत्य; असम से बीहू लोकनृत्य; मिजोरम से चैरो लोकनृत्य; मणिपुर से लाई हरोबा लोकनृत्य प्रस्तुत किए।

इस अवसर पर संस्कार भारती, पंचकुला के अध्यक्ष सुरेश गोयल ने अपने संबोधन में कहा कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अंतर्गत संस्कार भारती का यह अनूठा प्रयास है। इससे विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक एकता को तो बल मिलेगा ही, साथ ही समाज को भी एक-दूसरे के सांस्कृतिक वैभव व कला-साहित्य के कलात्मक दर्शन हो सकेंगे।