चंडीगढ़ में मनोनीत पार्षदों को लेकर फिर घमासान…
चंडीगढ़। मनोनीत पार्षदों के चयन को लेकर सत्ता पक्ष भाजपा में घमासान फिर से मच गया है। बताया जाता है की पार्टी के प्रभारी विनोद तावड़े ने इस बारे में 27 जनवरी को बैठक की थी। बीजेपी प्रधान अरुण सूद और पूर्व प्रधान ने अपने उम्मीदवारो के नाम प्रभारी को सौंप दिए है। खास बात यह है की सूद ने अपना नाम भी दिया है। सूद को लेकर भीतर ही भीतर विरोध जारी है। समस्या यह है की निगम सदन पहले ही तरशंकु मिली जुली है। इसमें भाजपा के कुल 13 पार्षद है। दूसरी तरफ मेयर विपक्षी पार्षदों के साथ तालमेल बैठने की कोशिश कर रही है ताकि सदन की बैठक का सही संचालन किया जा सके। सूद की सदन में एंट्री पहले से विपरीत हालत को और भी कठिन बना सकते है। अपने आक्रमक रवये के लिए जाने जाते सूद का पिछली सदन में रुख़ आक्रामक रहा है। वर्ष 2020 में एक बार तो जब सूद पार्टी के प्रधान बने ही थे की उनकी पानी के वाटर टैरिफ को लेकर तत्कालीन निगम आयुक्त कमल किशोर यादव से खासी बहस हो गयी थी। तब हाल यह हो गया था की उस समय मेयर रही राज बाला मालिक को हाथ जोड़कर सदन की करवाई बंद करनी पड़ी थी। कई मौको पर सूद अपनी पार्टी के पार्षदों से भी उलझते रहे। सदन में हंगामे का मौहाल बना रहता था। अब तो सदन में और भी संवदंशीलता और विवेक की जरुरत पड़ेगी। वर्तमान मेयर के लिए भी अजीब हालत बन सकते है जब पार्टी के प्रधान मनोनीत पार्षद की भूमिका में सामने होंगे।


