एक होकर से राजनीतिक तक का सफर
चंडीगढ़ के पूर्व सांसद, भारत सरकार के अपर महासालिसिटर एवं भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य श्री सतपाल जैन जी ने कल जीवन के 68 वर्ष पूर्ण किए। जिन्होंने इस दौरान एक लंबा राजनीतिक एवं सामाजिक सफर तय किया
आज भारत के जाने-माने कानून विशेषज्ञ में शामिल श्री जैन ने अपना जीवन चंडीगढ़ के पास, छोटे से कस्बे खरड़ से शुरू किया था जहां उनके पिता स्वर्गीय श्री रूपलाल जैन समाचार पत्र बेचने का काम करते थे। पिता की बीमारी तथा घर की आर्थिक तंगी के कारण श्री जैन को भी अपने पिता के साथ खरड़ बस स्टैंड पर अखबार बेचने का काम करना पड़ता था जहां वह सुबह सुबह शहर में अखबार बेचने का काम करते तथा उसके बाद स्कूल जाते।
श्री जैन ने सरकारी कॉलेज चंडीगढ़ से बीए, पंजाब यूनिवर्सिटी से एम ए तथा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर से 1979 में लॉ की डिग्री प्राप्त की तथा 1980 में सीधे पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में वकालत शुरू की। इस लंबे सफर में श्री जैन ने वकालत में नई ऊंचाइयों को छुआ और अब वह सुप्रीम कोर्ट के अतिरिक्त देश की अन्य 15 हाईकोर्ट की अदालतों में पेश हो चुके है। जिन महत्वपूर्ण व्यक्तियों का विभिन्न न्यायालयों में उन्होंने प्रतिनिधित्व किया उनमें वर्तमान में उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, पूर्व उप प्रधान श्री लालकृष्ण आडवाणी, कई मुख्यमंत्रियों जिनमें श्री त्रिवेद्र सिंह रावत, प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल, श्री शांता कुमार, स्वर्गीय श्री हरचरण सिंह बराड़, स्वर्गीय श्री भजनलाल, स्वर्गीय चौधरी बंसीलाल, तथा स्वर्गीय श्रीमती सुषमा स्वराज, श्री रमेश पोखरियाल श्री प्रेम सिंह चंदूमाजरा आदि शामिल है इसके अतिरिक्त वह राष्ट्रपति चुनाव में श्री भैरों सिंह शेखावत एवं पी ए संगमा के चुनाव एजेंट रह चुके हैं तथा देश के पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी, कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, राजा वीरभद्र सिंह, कैप्टन अमरिंदर सिंह, मोती लाल बौहरा, अहमद पटेल सहित कई प्रमुख विपक्षी नेताओं के विरुद्ध केसो की पैरवी कर चुके है। एक न्यूज़पेपर होकर से अपना कैरियर शुरू करके श्री जैन आज के प्रमुख संविधान विशेषज्ञ वकीलों की श्रेणी में आते हैं
श्री जैन पिछले 40 वर्षों से पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट से जुड़े हैं तथा आज भी इस सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य है
मृदुभाषी तथा शालीन व्यवहार के धनी श्री जैन अपनी तेज याददाश्त के लिए जाने जाते हैं हजारों कार्यकर्ताओं को वह नाम से जानते है देश के विभिन्न राजनीतिक नेताओं के साथ भी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर, उनके मधुर संबंध है
पिछले 25 वर्षों से शुगर होने के बावजूद भी वह स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी बेहतर हैं तथा पिछले 40 वर्षों से एक संयमित जीवन व्यतीत कर रहे हैं मात्र 23 वर्ष की आयु में आपात स्थिति के विरोध में 1975 में वह लगभग 1 वर्ष तक चंडीगढ़ जेल में रहे संयमित जीवन, संयमित खाना तथा निरंतर सामाजिक और राजनीतिक जीवन में सक्रिय रहना भी उनके सफल जीवन का एक कारण है
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ने के बाद वह निरंतर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ तथा भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे है। तथा आज भी भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य है। अपने दो बार की लोकसभा की सदस्यता के दौरान उन्होंने अपने एक अच्छे सांसद होने का प्रमाण भी दिया है तथा सदन की विभिन्न चर्चाओं में अपना योगदान देकर यह भी साबित किया है कि वह एक अच्छे वक्ता भी है।