कुछ कर दिखाने का जज़्बा हो तो हर मंज़िल मिलती है: नवदीप कौर….
चंडीगढ़, 6 दिसंबर: गोवा के ताज विवांता में हाल ही में आयोजित मिसेज़ सुप्रानैशनल 2025 प्रतियोगिता में भारत के लिए पहला रनर-अप खिताब जीतकर इतिहास रचने वाली नवदीप कौर का कहना है कि यदि मन में कुछ बड़ा करने का जज़्बा हो, तो मंज़िल अवश्य मिलती है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि जीवन में अनेक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद उन्होंने अपने जुनून को कभी कम नहीं होने दिया।
नवदीप कौर का जन्म एक सैन्य परिवार में हुआ, जिसके चलते उन्हें भारत के विभिन्न हिस्सों में रहने का अवसर मिला। बाद में वे पंजाब पहुंचीं और यहाँ ड्रग कंट्रोल ऑफिसर के पद पर कार्यरत हुईं। उन्होंने बताया कि बचपन से ही उन्हें कला, चित्रकला और अकादमिक प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिले। वे भारत सरकार द्वारा बाला चित्र रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकी हैं। उन्होंने राष्ट्रीय ओलंपियाड और यूनेस्को परीक्षाओं में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
स्कूली शिक्षा के दौरान वे स्काउट्स और गाइड्स की कप्तान रहीं और पूर्वोत्तर भारत स्तर पर पहला पुरस्कार जीता। मात्र छह वर्ष की आयु से उनका डांस की दुनिया से जुड़ाव हुआ और बाद में वे ऑल इंडिया रेडियो की सबसे कम उम्र की आरजे बनीं। कॉलेज के दौरान वे पहली बार गुजरात से पंजाब आईं ताकि पंजाबी संस्कृति को सीख सकें, जिससे उनके जीवन को नई दिशा मिली।
नौकरी के साथ-साथ उन्होंने डांस और फैशन को कभी अपने से दूर नहीं होने दिया। कलर्स और सोनी जैसे टीवी चैनलों पर भी उन्होंने कार्य किया। इसके अलावा, पंजाब सरकार द्वारा उन्हें चार बार सम्मानित किया जा चुका है।
नवदीप कौर ने बताया कि निजी जीवन में उतार-चढ़ाव, पति से अलगाव और छोटे बच्चे की जिम्मेदारी के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। इसी दौरान रीढ़ की चोट की वजह से उन्हें लंबे समय तक बिस्तर पर रहना पड़ा, लेकिन उनका जज़्बा कभी कमजोर नहीं हुआ। इसी संकल्प की बदौलत उन्होंने मिसेज़ सुप्रानैशनल 2025 का खिताब जीता।
वे कई सामाजिक संस्थाओं,निरंजना फाउंडेशन, सप्त सिंधु आदि जुड़कर दिव्यांग बच्चों और विधवा महिलाओं के लिए कार्य करती रही हैं। हाल ही में आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उन्होंने कमल के फूल वाला विशेष भारतीय परिधान पहनकर प्रस्तुति दी, जिसके लिए उन्हें न केवल फर्स्ट रनर-अप का स्थान मिला, बल्कि नेशनल कॉस्ट्यूम अवॉर्ड और मिसेज़ ग्लोबल एंबेसडर का सम्मान भी प्राप्त हुआ। उनके अनुसार, यह उपलब्धि हासिल करने वाली वे पहली भारतीय महिला हैं।


