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शीत ऋतु से बचाव .. देवराज त्यागी….

जैसे गर्मी की ऋतु में लापरवाही से शरीर में लू लग जाती है उसी प्रकार सर्दियों में सर्दी लग जाती है। सर्दियों में शरीर का ठंडा पड़ना, जुकाम, निमोनिया, दमा ,हृदय आदि के रोग हो जाते हैं। अच्छा तो यह है कि हम सर्दी से बचाव रखें। इस संबंध में कुछ उपाय बताए जा रहे हैं यदि हम इन उपायों को अपनाएंगे तो सर्दी लगने से निश्चित तौर पर बच सकते हैं ।

1. शरीर का तापमान 98.4 फारेनहाइट होता है सर्दियों में बाहरी तापक्रम इससे कम और कभी-कभी तो बहुत कम होता है इसलिए इस मौसम में गुनगुना या गर्म पानी पीना चाहिए ।

2. स्नान करते समय गुनगुना या गर्म पानी का उपयोग करना चाहिए। नहाने से पूर्व यदि सरसों के तेल की मालिश कर ली जाए तो इससे शरीर को कई लाभ होंगे। हम नहाते समय रोयेदार तोलिया से अपने शरीर को घर्षण करके और भी लाभ पहुंचा सकते हैं ।

3. बाजार में आजकल इनर वूलन के बनियान यदि कपड़े मिलते हैं हमें नीचे सूती बनियान की जगह वूलन कपड़े पहनना चाहिए।

4. सर्दियों में गर्मी पैदा करने वाले भोजन जैसे गुड, शहद ,अदरक, हल्दी, तिल आदि इन चीजों को एक निश्चित मात्रा में खाएं ताकि शरीर को नुकसान ना हो। बादाम, काजू, अखरोट , छुहारा, पिस्ता आदि सूखे मेवे सर्दी रोकने में बहुत उपयोगी है इनको भिगोकर खाना चाहिए। थोड़ी मात्रा में खाएं। इनके पाचन हेतु श्रम करना बहुत जरूरी है अगर हम परिश्रम नहीं कर सकते तो सैर करना, योगासन जरूर चाहिए।

5. तुलसी, अदरक ,काली मिर्च आदि की हर्बल चाय सुबह शाम पीना श्रेष्ठकर है।

6. सिर एवं कानों से सर्दी हमारे शरीर के अंदर प्रवेश कर जाती है इसलिए सर्दी से बचाव के लिए टोपी, कैप, मफलर इत्यादि अवश्य पहनना चाहिए।

7. शीतल पेय, कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम फ्रिज का ठंडा पानी बिल्कुल भी ना लें उसके स्थान पर गर्म पानी, सब्जियों का सूप ,हर्बल चाय इत्यादि ले सकते हैं।

8. सोते समय पूरी खिड़की न खोलें क्योंकि खिड़की के द्वारा ठंडी हवा का झोंका सीधे शरीर पर पड़े तो नुकसान हो सकता है । कंबल या रजाई को चारों ओर से दबाकर सोए लेकिन मुंह ढककर सोना हानिकारक होता है।

सर्दी लग जाने पर क्या करें

1. गुनगुना पानी यथा संभव पिए. गर्म पानी की थैली में गर्म पानी भरकर कुछ देर छाती पर रखें, सिर पर रखें और पैरों पर रखें तथा अधिक देर तक पीठ पर रखें. इससे बहुत लाभ होता है.

2. बाल्टी में गर्म पानी भरकर उसमें पैर डालकर 10-15 मिनट बैठे ।

3. सर्दियों में कफ कुपित हो जाता है इसलिए जुखाम हो जाता है। जुकाम के समय हमें नाक में सरसों के तेल का उपयोग करना चाहिए ।

4. लंबे समय तक जुकाम रहने पर नाक में सरसों का तेल डालें । जल नेती तथा रबर नेति करें इससे जुकाम ठीक हो जाता है।

5. लंबे समय तक पाचन खराब होने से आमाशय में कफ कुपित हो जाता है जिससे भूख इत्यादि नहीं लगती है यदि हम इस समय कुंजल क्रिया करें तो इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है ।

6. जिन लोगों को कब्ज ज्यादा रहता है उन्हें सर्दी भी ज्यादा लगती है। दवाई आदि का उपयोग पेट को साफ करने में ना करें। प्राकृतिक चिकित्सा के द्वारा एनिमा इत्यादि के द्वारा पेट को साफ करें ।इससे आतें भी कमजोर नहीं होती तथा पेट साफ हो जाता है ।

7. भोजन के बाद छोटी हरड़ चूसने से गैस में बहुत आराम मिलता है।

8. जिनके शरीर में खून की कमी या वजन कम होता है उनको भी सर्दी बहुत लगती है उनका अनुभव चिकित्सक से मिलकर खून बढ़ाने के उपाय करने चाहिए।

9. सर्दियों में कुछ एक या दो घंटे के लिए धूप में अवश्य बैठना चाहिए।

10. सूर्यभेदी प्राणायाम ,भस्त्रिका प्राणायाम , अनुलोम विलोम के द्वारा एवं अन्य योगासनों के द्वारा सर्दी बहुत जल्दी ठीक हो जाती है तथा सर्दी का असर भी कम होता है ।यदि हम इन बातों को सर्दी के मौसम में अपनाएंगे तो हम स्वस्थ रह सकते हैं। तथा सर्दी से भी बचाव कर सकते हैं।

देवराज त्यागी , प्राकृतिक चिकित्सक, Vardhan नेचरोपैथी एंड योग इंस्टिट्यूट, चंडीगढ़

मोबाइल 9478522333