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कांग्रेस ने मेयर बबला के भ्रामक बयान को बताया घबराहट का परिणाम; कहा—अपनी नाकामी छुपाने के लिए दे रही हैं झूठे आरोप…

चंडीगढ़ कांग्रेस मेयर हरप्रीत कौर बबला द्वारा जारी आज के बेबुनियाद और भ्रामक आरोपों की कड़े शब्दों में निंदा करती है। उनका प्रेस नोट केवल भाजपा-शासित नगर निगम की लगातार असफलताओं, प्रशासनिक अक्षमता और शहर में ठप पड़े विकास कार्यों से ध्यान हटाने का एक हताश प्रयास है।

बिना पूर्व चर्चा के बुलाई गई बैठक “समावेशी शासन” नहीं हो सकती

मेयर के दावों के विपरीत, कथित “विकास समीक्षा बैठक” बिना किसी परामर्श, बिना पहले से एजेंडा साझा किए और बिना उन संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित किए बुलाई गई, जो वास्तव में वार्ड के कार्यों के लिए जिम्मेदार हैं। यह बैठक सिर्फ भाजपा पार्षदों के लिए आयोजित फोटो-ऑप की नकल भर थी, कोई गंभीर विकास समीक्षा नहीं।

कांग्रेस पार्षदों ने बार-बार मेयर की विकास कार्यों में नाकामी को उजागर किया

मेयर को बताना चाहिए कि—

• वार्ड-वाइज आवंटित फंड निकलने के महीनों बाद भी अधिकतर कार्य शुरू क्यों नहीं हुए?

• कई वर्क ऑर्डर प्रशासनिक देरी और मेयर कार्यालय की अनदेखी के कारण क्यों अटके पड़े हैं?

• शहर की सड़कें, पार्क, ग्रीन बेल्ट और सफाई व्यवस्था लगातार खराब क्यों होती जा रही है?

• कॉलोनियों और गांवों के निवासी बार-बार शिकायतें करते हैं, फिर भी मेयर चुप क्यों रहती हैं?

सच्चाई बिल्कुल साफ है: विकास कार्य मेयर और उनके प्रशासन की विफलता के कारण रुके हुए हैं, न कि पार्षदों की वजह से।

बहिष्कार मेयर की पक्षपातपूर्ण कार्यशैली के खिलाफ लोकतांत्रिक विरोध था

कांग्रेस स्पष्ट करती है कि पार्षदों की अनुपस्थिति एक लोकतांत्रिक विरोध था, क्योंकि—

1. मेयर का रवैया खुलकर पक्षपाती है—भाजपा पार्षदों को प्राथमिकता, विपक्ष की आवाज दबाई जाती है।

2. बैठक में पारदर्शिता नहीं, कोई दस्तावेज़ नहीं, न ही कोई संरचित एजेंडा।

3. पार्षदों द्वारा भेजी गई कई लिखित शिकायतों के बावजूद मेयर कार्यालय ने लंबित मामलों को हल नहीं किया।

बिना तैयारी, बिना समाधान और केवल दिखावे के लिए बुलाई बैठक का कोई उद्देश्य नहीं था—सिवाय राजनीतिक नाटक के, जिसमें मेयर माहिर हैं।

कांग्रेस के पार्षद कभी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटे

भाजपा के विपरीत, कांग्रेस ने लगातार—

• हर हाउस मीटिंग में विकास मुद्दे उठाए,

• सड़कों, सफाई, कॉलोनियों और गांवों की दिक्कतें उजागर कीं,

• वार्ड-वाइज फंड के बेहतर उपयोग की मांग की,

• और चल रहे कार्यों की नियमित स्थिति रिपोर्ट मांगी।

जिम्मेदारी से बचने वाली मेयर खुद हैं, जो हर बार अधिकारियों, पार्षदों और यहां तक कि नागरिकों को दोष देती रहती हैं।

 

मेयर दूसरों को भाषण देने के बजाय अपना काम करें

बिहार चुनाव परिणामों को चंडीगढ़ के विकास से जोड़ना हास्यास्पद है और दिखाता है कि मेयर को वास्तविक काम से ज्यादा राजनीतिक बयानबाज़ी में रुचि है।

 

अगर मेयर वास्तव में विकास को लेकर गंभीर हैं, तो उन्हें चाहिए कि—

 

✓ सभी वार्डों के कार्यों की स्थिति रिपोर्ट जारी करें,

✓ बताएं कि इस मानसून में कई जगहों पर जलभराव क्यों हुआ,

✓ 25–50 लाख की स्कीम के कई कार्य केवल कागज़ों पर ही क्यों हैं,

✓ और सभी पार्षदों के साथ समान व्यवहार सुनिश्चित करें।

 

कांग्रेस का हर निवासी से वादा—विकास ही प्राथमिकता है

चंडीगढ़ कांग्रेस और उसके पार्षद शहर के हर सेक्टर, कॉलोनी और गांव के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हमारा ध्यान वास्तविक काम पर है, न कि नाकामियों को छुपाने के लिए राजनीतिक प्रेस नोट जारी करने पर।

 

मेयर गलत जानकारी फैलाना बंद करें और अपने वादों पर काम शुरू करें—यही शहर की जनता की अपेक्षा है।