“न्यू कांग्रेस पार्टी” (NCP) का कर्मचारियों को समर्थन : एडवोकेट विवेक हंस गरचा…
चंडीगढ़ 16 फरवरी ( ) न्यू कांग्रेस पार्टी (NCP) केंद्रीय अध्यक्ष एडवोकेट विवेक हंस गरचा ने कहा कर्मचारियों के हकों के लिए कुछ भी कर सकता हूँ एडवोकेट विवेक हंस गरचा ने कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन व सत्ताधारी नेताओं द्वारा उनकी आवाज़ को दबाने प्रयास किया जा रहा है उन्होंने कहा कि कर्मचारी अगर आज सड़कों पर हैं तो ये मौजूदा तथा पूर्व सांसदों की देन हैं। क्योंकि चंडीगढ़ के 25-30 सालों से जो सांसद रहें इन्होंने शहर का विकास नहीं, अपना निजी विकास किया। अगर एक बार भी कर्मचारियों के बारे में सोचा होता तो ये भीड़ आज सड़कों पर ना होती। ई.डी एवं सी.बी.आई जैसे विभागइनकी और इनके पारिवारिक सदस्यों की सम्पति की जांच करनी चाहिए।
एडवोकेट विवेक हंस गरचा ने कहा कि केंद्र सरकार ने ऐलान द्वारा 11 जनवरी 2010 में सेम एन्ड सिमिलर वेज की बात कही थी जिसे लेकर केंद्र सरकार द्वारा 9 अक्टूबर 2018 को अधिसूचना जारी की गई जिसमें 2 साल के भीतर लेबर सिस्टम ख़तम करने की बात कही थी और हाई कोर्ट भी सेम वर्क सेम वेज के आदेश पारित कर चुका है। जबकि सहायक क्षमयुक्त भी अस्थाई कर्मियों को बेसिक पे एवं डरनेस अलायेंस देने के आदेश पारित कर चुका है। पंजाब एन्ड हरियाणा हाई कोर्ट के 4 अगस्त 2020 के उन आदेशों कर भी जिक्र किया जिसमें कोर्ट ने सरकार को 6 सप्ताह के भीतर समान वेतन के लिए 46 करोड़ जारी करने के आदेश पारित किये थे लेकिन पी.जी.आई ने उसे आज तक किसी भी आदेश या अधिसूचना की परवाह नहीं की जिसके चलते अब अस्थाई कर्मचारियों के पास कोई विकल्प नहीं बचा। सुप्रीम कोर्ट भी 30 अगस्त 2021 को आदेश पारित कर चुकी है। पी.जी.आई प्रशासन ने उकत सम्बन्ध में दाखिल एक याचिका के जवाब में हाई कोर्ट में 6 जुलाई 2023 को एफिडेविट देकर उकत योजना लागू करने की बात कही थी जो कि लागू नहीं हुआ जिसे कोर्ट की अवमानना माना जाना चाहिए।
आज शुक्रवार, 16 फरवरी 2024 को अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ, फैडरेशन ऑफ यूटी इम्पलाईज एण्ड वर्करज चण्डीगढ़, यू.टी चंडीगढ़ एस. एस फेडरेशन के आह्वान पर कर्मचारियों की मांगो को लेकर एक दिन की हड़ताल की जिसे “न्यू कांग्रेस पार्टी” NCP केंद्रीय अध्यक्ष होने के नाते मैं एडवोकेट विवेक हंस गरचा समर्थन का ऐलान करता हूँ।
एडवोकेट विवेक हंस गरचा ने कहा कर्मचारी वर्ग द्वारा उन्हें चंडीगढ़ से सांसद बनाते ही हर किस्म के अस्थाई कर्मचारियों को पक्का किया जायेगा, सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण बन्द किया जायेगा, पुरानी पेंशन बहाल की जाएगी। इन सबके इलावा एफआरडीए अधिनियम को निरस्त किया जायेगा । एनपीएस को रद्द करेंगे । फंड प्रबंधकों को निर्देश देंगे कि वो जमा की गई राशि को संबंधित राज्य सरकारों को लौटा दें। राजस्थान और छतीसगढ़ में एनपीएस को वापस लेना बंद करेंगे। कर्मचारी पेंशन स्कीम (ईपीएस) -95 के तहत आने वाले कर्मचारियों को परिभाषित लाभ पेंशन स्कीम में लाया जाएगा । सभी संविदा / आउटसोर्स / दैनिक वेतनभोगी नियुक्तियाँ बंद करेंगे। सभी संविदा अनियमित कर्मचारियों को नियमित करेंगे। राज्य सरकारे सभी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सभी रिक्त पदों को तत्काल प्रभाव से भरेंगे। सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण / निगमीकरण और सरकारी विभागों को शिकोड़ना बंद करेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को रद्द करेंगे। संविधान के अनुच्छेद 310, 211 (2) (ए), (बी), और (सी) को निरस्त करेंगे । सभी कठोर आदेश और परिपत्र वापस लेंगे। हर पांच वर्ष में समयबद्ध वेतन पूर्ननिर्धारण लागू करेंगे। अठारह महीने का जब्त किया गया डीए / डीआर बकाया सहित सभी लंबित डीए / डीआर जारी करेंगे। महंगाई पर रोक लगाने व सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करेंगे आदि।
एडवोकेट विवेक हंस गरचा ने कहा कि कर्मचारी वर्ग अपने पारिवारिक सदस्यों को साथ लेकर यदि ईमानदारी से वोट करें तो सांसद भी कर्मचारियों का होगा और पार्षद भी, गरचा ने कहा कि सांसद बनते ही सबसे पहले कर्मचारियों की मांगे पूरी की जाएंगी। एडवोकेट विवेक हंस गरचा ने कहा कि चण्डीगढ़ में डेलीवेज, वर्कचार्ज, कान्ट्रेक्ट, आउटसोर्स गैस्ट आदि हर प्रकार के अस्थाई कर्मचारियों को पक्का करने व पक्का होने तक बराबर काम बराबर वेतन देने, बिजली पानी, स्वास्थ्य विभागों का निजीकरण न करने तथा पार्को व ग्रीन बैल्टों को निजी मालिकों के हवाले न करने, सरकारी विभागों में खाली पड़ी प्रमोशन व सीधी भर्ती की पोस्टों को शीघ्र भरने, संशोधित पोस्टों पर लगे कान्ट्रेक्ट व आउटसोर्स कर्मियों को उन्ही पोस्टों पर तुरन्त नियमित करने, भारतीय बाल कल्याण परिषद् के अधीन विभिन्न क्रैचों में काम कर रही बालसेविकाओं व हैल्परों को आंगनवाड़ी में मर्ज न करने तथा उनको मिल रहे वेतन को प्रोटेक्ट करने, बिजली विभाग के कर्मचारियों पर फरवरी 2022 में दर्ज एफ.आई.आर खत्म करने, डेपुटेशन पालिसी रद्द कर शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, अभियांत्रिकी आदि।
इसके इलावा एडवोकेट विवेक हंस गरचा ने कहा कि सत्ता में आते ही चंडीगढ़ प्रशासन व नगर निगम में लम्बे समय से डेपुटेशन पर काम कर रहे कर्मियों को उनके मूल राज्यों में भेजा जायेगा, जिनको कांग्रेस व भाजपा नेताओं ने अपने निजी सवार्थ के लिए सालों से चंडीगढ़ में बिठा रखा है तथा संशोधित पोस्टों पर यू टी कर्मचारियों को प्रमोशन दी जायेगी, सीधी भर्ती की पोस्टों पर डेली वेज, कान्ट्रेक्ट, आउट सोर्स को नियमित किया जायेगा। बिजली, सम्पर्क सेंटर, आई सी सी डब्लयू य एम सी पब्लिक हैल्थ (कजौली) के कर्मचारियों का डी सी रेट तुरन्त संशोधित किया जायेगा, एमसी बागवानी के अधीन चल रही ग्रीन बैल्ट व पार्को को निजी हाथों में देना बन्द किया जाये, आदि स्थानीय माँगों को लागू किया जायेगा। इस मौके हज़ारों की तादाद में मौजूद कर्मचारियों ने एडवोकेट विवेक हंस गरचा को विश्वास दिलवाया की वो उनके साथ हैं। इस बार चंडीगढ़ संसादिया सीट पर कर्मचारी वर्ग एक नया इतिहास लिखेगा।
“न्यू कांग्रेस पार्टी” NCP
एडवोकेट विवेक हंस गरचा
(केंद्रीय अध्यक्ष)
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