प्राचीन कला केन्द्र की 291वीं मासिक बैठक में सितार की मधुर धुनों की झंकार…
प्राचीन कला केन्द्र द्वारा आज सैक्टर 35स्थित प्राचीन कला केन्द्र के एम.एल.कौसर सभागार में सायं 6 बजे सितार वादन पेश किया गया, जिसमें कोलकाता से आए सितार वादक पार्था प्रतिम रॉय द्वारा प्रस्तुति पेश की गई, पार्था प्रतिम ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा पंडित देबी प्रसाद चैटर्जी से प्राप्त की । इसके उपरांत महीयार घराने क सुप्रसिद्ध सितार वादक पंडित निहारबिंदू चौधरी तथा संगीताचार्य अजय सिन्हा राय के शिष्यत्व में सितार वादन की शिक्षा प्राप्त की । इसके अतिरिक्त इन्होंने पंडित अनिल पलित,पंडित पार्था चैटर्जी एवं संगीताचार्य भूपतिनाथ मुखर्जी से भी सितार वादन की बारीकियां सीखी । इन्होंने देश के विभिन्न कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का मनोरंजन किया है ।
आज के कार्यक्रम का आरंभ पार्था ने राग रागेश्री से किया जिसमें उन्होंने आलाप एवं जोड़ के साथ झाला की प्रस्तुति पेश की । इसके उपरांत विलम्बित गत में पंडित निखिल बैनर्जी की रचना पेश करके खूब तालियां बटोरी । उपरांत द्रुत गत पेश की । उस्ताद राशिद खां साहिब को प्रेमभरी श्रद्धांजलि देने हेतु पार्था ने राशिद खां साहिब की प्रसिद्ध रचना ‘‘माने न मेरी बात’’ पेश की ।
कार्यक्रम के अंत में एक राम भजन पेश किया गया तथा भजनों की भक्तिमयी प्रस्तुतियों से इस कार्यक्रम का समापन किया गया । इनके साथ पंजाब के जाने माने तबला वादक जयदेव ने तबले पर संगत करके समा बांध दिया । कार्यक्रम के अंत में केन्द्र की रजिस्ट्रार डॉ.शोभा कौसर एवं सचिव श्री सजल कौसर ने कलाकारों को सम्मानित किया ।