कमलेश बनारसी दास पूर्व महापौर की अगुवाई में एक प्रतिनिधि मण्डल सलाहकार चंडीगढ़ प्रशासाक श्री धर्म पाल जी से मिला…
चण्डीगढ़ की कॉलोनियों के सर्वे को लेकर की लोगो में एक भ्रम बना हुआ है कि कही सर्वे के बाद हमारे मकान कैंसल तो नहीं होगे यह भ्रम इस लिय है क्योंकि अभी कुछ दिन पहले सेक्टर 25 में मकान कैंसल हुए है अगर सर्वे है तो अब मकान कैंसल करना बंद करो और लोगो को कारण बताओ नोटिस क्यों दिया जा रहा है आप एक सरकारी नोटिफिकेशन जारी कर दो की कलोनिवासियो को कोई डर नहीं उनका मकान सुरक्षित है और जीपीए वालो को भी मकान उनके नाम किये जाएगे सरकार चंडीगढ़ प्रशासन नही कह रहा. पता नहीं कुछ लोग ढोल बजा बजा कर लड़ू बाट रहे है हम गवर्नर से भी मिले हम एडवाइज़र से भी मिले अगर मालिकाना हक की बात और जीपिए पर मकान ट्रांसफ़र करने होते तो वोह एक आदेश जारी क्यों नहीं करते।
चण्डीगढ़ में नंबर 1- सबसे पहले कॉलोनियों को बसाने का काम 1976 में हुआ फिर चंडीगढ़ में पुनर्वास योजना 1979 में शुरू हुई जो आज तक चल रही है। 2- हाउसिंग बोर्ड ने चण्डीगढ़ में सस्ते रेट पर मकान अलाट किये जिनके पास चंडीगढ़ में मकान नहीं थे।
3- फिर co-operative society के आधार पर भी लोगो को बहुत ही कम दामो पर उनको प्लाट अलाट कियें गए।
इन सब में एक बात सेम थी वह यह थी कि आप मकान बेच नहीं सकते आप रेंट पर भी नहीं दे सकते और जीपीए पर भी नहीं बेच सकते।
परंतु प्रशासन और हाउसिंग बोर्ड ने हाउसिंग बोर्ड के मकानों को और co-operatives society’s के मकानों को यह हक दे दीया नाम ट्रांसफ़र करने और जीपीए वालो को मालिकाना हक।
अब प्रसाशान जो कालोनियों का सर्वे कर रहा है उससे लोगो में भरम हो रहा है लोगो में हड़कंप मचा हुआ है।
प्रशासन ठीक उसी प्रकार इनका भी बिना सर्व के जीपीए के आधार पर मकान ट्रांसफ़र किए जाए. कृपया आपका यह फेसला जनहित में ले।


