लाइव कैलेंडर

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  

LIVE FM सुनें

India News24x7 Live

Online Latest Breaking News

भक्ति समस्त सुखों को देने वाली है – आचार्य श्री 108 सुबल सागर जी महाराज…

इस पंचम काल में श्रावकों को कर्म निर्जरा करने का अगर कोई माध्यम है तो वह जिनेन्द्र देव की भक्ति से सुन्दर रूप की प्राप्ति होती है। भक्ति से ही संसार के समस्त वैभव प्राप्त होते हैं। कहते है आचार्य श्री जी कि इस भक्ति से क्या नहीं मिलता है? अर्थात् सब कुछ तो मिलता ही है और साथ ही साथ मोक्ष सुख / निर्माण की प्राप्ति भी इसी जिनेन्द्र देव की भक्ति आराधना से मिलता है।

भगवान की भक्ति / आराधना करते हुए कुछ मांगना नहीं पड़ता है वह सब कुछ हमारे पास स्वयमेव आ जाता है जिसकी हमें आवश्यकता होती है। इसलिए हृदय के कपाट खोलकर हमें भगवान की भक्ति करना चाहिए। अलमारी अगर लगी हुई है तो उसमें जालें लगेंगे अगर अलमारी खुली हुई तो कोई न कोई उसमें कुछ रख ही देगा। इसलिए हमें हृदय खोलकर श्रद्धा से भक्ति करना चाहिए।

श्रद्धा विश्वास के अभाव में हम कितनी ही भगवान की भक्ति कर लें वह संसार का ही कारण है। विश्वास तो करना ही पड़ेगा हम जब डॉक्टर के पास जाते हैं वह दवाईयां लिखता है हमें उस डॉक्टर के ऊपर विश्वास है भरोसा है कि इनके द्वारा बताई गई दवाईयों को खाकर हम ठीक अर्थात् स्वस्थ हो जाएंगे। तभी वह दवाईयाँ अपना काम करती है अन्यथा नहीं करेंगी। इस प्रकार इन अरिहंत भगवान पर हमें विश्वास है भरोसा है कि आपकी भक्ति ही हमें संसार के दुःखों से निकाल सुखों को देने वाली है।

हम किसी महोत्सव में गए वहाँ हमें एक ग्लास अच्छा दूध मिला पीने के लिए उस दूध में काजू बादाम, चिरोंजी, केसर मिश्री और ऊपर से मलाई भी उस पर डाली गई है। हमें वह बहुत अच्छा लग रहा, उसका स्वाद भी बहुत अच्छा है। हम धीरे-धीरे स्वाद लेते हुए पी रहे हैं। आधा पी भी लिया है। इतने में कोई हमारा पड़ोसी आता है और कहता है कि इस दूध में दो मक्खी गिर गई थी। उसने वह मक्खी निकाल कर फेंक दी और आपको दे दिया। अब आप क्या करेंगे बस एक क्षण की भी देर नहीं लगाएंगे उस दूध को वहीं फेंक देंगे और इतना ही नहीं जो दूध पी लिया है वह भी वमन के द्वारा बाहर निकाल देंगे। उसने ऐसा क्या किया? क्योंकि उसे अपने पड़ोसी पर विश्वास है भरोसा है कि वह कभी भी झूठ नहीं बोलेंगे और हमार भला करने वाला है। इसी प्रकार जिनेन्द्र भगवान की भक्ति हमें भरोसा विश्वास के साथ करने से वह हमें दुःखों से निकाल कर सुखों को देने वाली है। यह जानकारी संघस्थ बाल ब्र. गुंजा दीदी एवं श्री धर्म बहादुर जैन जी ने दी।