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मोटापा और मधुमेह के मरीजों की सहायता के लिए डॉ अमित गर्ग द्वारा विशेष बैठक का आयोजन…

फोर्टिस अस्पताल, मोहाली के बेरियाट्रिक्स एंड मेटाबोलिक सर्जन व सेंटर फार ओबेसिटी डाईबिटीज़ एंड सिंगल इंसीजन लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (सी.ओ.डी.एस.आई.एल.एस. / CODSILS) के संस्थापक डॉक्टर अमित गर्ग द्वारा हाल ही में ट्राइसिटी के मोटापा और मधुमेह के मरीजों की सहायता के लिए विशेष बैठक का आयोजन किया गया। इस तरह के कार्यक्रम को आयोजित करने का उनका मुख्य उद्देश्य मधुमेह और मोटापे से ग्रस्त लोगों को एक ऐसा मौका प्रदान करना था जिसमें व मोटापे की चुनौतियों का सामना कर रहे अन्य लोगों के साथ बातचीत कर सकें और उन्हें इस बीमारी पर काबू पाने के लिए बेरिएट्रिक सर्जरी और उपचार प्रक्रियाओं के लाभों को समझने में मदद कर सकें।

तीन घंटे तक चले इस विशेष कार्यक्रम को मधुमेह और मोटापे को समझने के लिए विभिन्न सत्रों में बांटा गया जिसमें तेजी से बढ़ रही इस समस्या के कारण , जीवन शैली में संशोधन से इस समस्या में मदद, मेटाबोलिक सर्जरी क्या है आदि पर विशेष सत्रों का आयोजन किया गया । अतीत में सफलतापूर्वक ऑपरेशन करवा चुके रोगियों सहित लगभग 45 प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। रुग्ण मोटापे , टाइप 2 मधुमेह के रोगियों, मोटापे से ग्रस्त मधुमेह रोगी, उच्च रक्तचाप से ग्रस्त मोटापे के रोगी, स्लीप एपनिया के रोगी और को मार्बिडीटिज से पीड़ित अन्य रोगियों के लिए यह बैठक फायदेमंद रही। इस मौके पर बिगेस्ट वेट लॉस अचीवर अवार्ड भी दिए गए ।

इस मौके पर बोलते हुए डॉ. अमित गर्ग ने कहा कि मोटापा आधुनिक युग में एक तेजी से फ़ैल रही समस्या है। उचित व्यायाम की कमी, अनियमित खान-पान, एक अस्वस्थ जीवन शैली, आदि मोटापे की बढ़ती दर में योगदान दे रही है। मोटापा अपने साथ एक रोगी में भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक तनाव साथ ले कर आता है। उन्होंने बताया की बेरियाट्रिक सर्जरी, निरंतर वजन घटाने को सक्षम करके, रोगियों की अधिकांश नकारात्मक भावनाओं को कम करने में और आत्मविश्वास व आत्मसम्मान को बढ़ाने में मदद करती है। हालांकि, कुछ रोगी जो मोटापे से जूझ रहे हैं और बैरिएट्रिक सर्जरी के बाद भी एक अलग प्रकार का भावनात्मक तनाव महसूस कर सकते हैं क्योंकि वे खुद को पुरानी भोजन की आदतों और जीवन शैली से अलग नहीं कर पाते । बैठक में सर्जरी के बाद वजन घटाने को बनाए रखने के लिए और खाने और इस प्रकार की भावनाओं को प्रबंधित करने पर भी जोर दिया गया।

बेरियाट्रिक/मेटाबोलिक सर्जरी कराने वाले कई मरीजों ने भी इस मीट में अपनी कहानियां को साझा किया । डॉ अमित गर्ग और उनकी टीम ने मरीजों के प्रश्नों के उत्तर दिए । उन्होंने यह भी बताया कि ये सहायता समूह बैठक रोगियों के साथ-साथ मोटापे और मोटापे से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे अन्य लोगों के लिए निःशुल्क और हमेशा खुली हैं लेकिन पूर्व पंजीकरण अनिवार्य है।

डॉ. अमित गर्ग ने कहा कि बैरिएट्रिक और मेटाबोलिक सर्जरी मोटापे के इलाज के लिए वरदान है यह लेप्रोस्कोपिक रूप से किया जाता है और रोगी सर्जरी के कुछ दिनों के भीतर सामान्य काम फिर से शुरू कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इन प्रक्रियाओं के बारे में जागरूकता में वृद्धि हुई है और अब दूरदराज के गांवों के कई मोटे रोगी मोटापे या मधुमेह के इलाज के लिए सर्जरी भी करवा रहे हैं।

डॉ. अमित गर्ग के बारे में

डॉ. अमित गर्ग को आज बेरियाट्रिक और उन्नत लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में सबसे अधिक पहचाने जाने वाले चेहरों में से एक के रूप में जाना जाता है। यह उनके द्वारा किये गए बेरिएट्रिक सर्जरी के क्षेत्र में वर्षों के अग्रणी कार्य और उच्च स्तर के कौशल का परिणाम है जो वह अपने अभ्यास में लाते है। टाइप 2 मधुमेह के लिए स्लीव गेस्ट्रोक्टॉमी के साथ लूप डुओडेनोजेजुनल बाईपास करने वाले उत्तर भारत में डॉ. अमित गर्ग पहले सर्जन है। उन्होंने उत्तर भारत में बहुत अधिक सफलता दर के साथ डॉ. अमित गर्ग ने लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (एसआईएलएस – जिसे जीरो स्कार बेरिएट्रिक सर्जरी ) के रूप में भी जाना जाता है की सबसे बड़ी संख्या में ऑपरेशन किये हैं । डॉ. अमित गर्ग उत्तर भारत के सर्वश्रेष्ठ बेरिएट्रिक सर्जन में से एक हैं और उनके नाम पर कई अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन भी हैं।