हरियाणा सरकार द्वारा डाक्टरों सहित स्वास्थ्य विभाग से जुड़े तमाम कर्मचारियों पर एस्मा लगाने पर सीटू का विरोध….
पंचकूला: सीटू ने हरियाणा सरकार द्वारा डाक्टरों सहित स्वास्थ्य विभाग से जुड़े तमाम कर्मचारियों पर एस्मा लगाने की कड़े शब्दों में निंदा की है। संगठन ने मांग की है कि इस निर्णय को तुरंत वापस लिया जाए। सीटू जिला सचिव लच्छी राम ने कहा कि राज्य में मजदूरों और कर्मचारियों के हालात खराब हैं। सरकार मांगो व समस्याओं का कोई समाधान नहीं कर रही है। मजबूरीवश पीड़ित तबकों को आंदोलन में उतरना पड़ रहा है। भाजपा सरकार शांतिपूर्वक चल रहे आंदोलनो को कुचलना चाहती है। इसलिए एस्मा जैसे दमनकारी काले कानूनों को लागू कर रही है।
संगठन नेताओं ने कहा कि एक तरफ तो सरकार स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत डॉक्टरों सहित अन्य कर्मचारियों को कोरोना योद्धा का नाम दे रही है। जब से कोरोना का दौर चला है स्वास्थ्य विभाग के कर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। बड़े पैमाने पर डॉक्टर कोरोना से गर्सित हुए मृत्यु का ग्रास बने। लेकिन राज्य सरकार लंबे समय से इनके मुद्दो का समाधान नहीं कर रही है। इसलिए सरकारी डॉक्टर्स ने आज से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया हुआ था। कल देर रात सरकार ने काले कानून एस्मा को लगा दिया। जिसमे अगले 6 महीने तक स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर्स, नर्स, मेडिकल, पैरा मेडिकल स्टाफ, अन्य कर्मचारी, ठेका कर्मचारी व मानदेय पर काम करने वाले वर्कर्स हड़ताल पर नहीं जा सकते। यह लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन है। राज्य में आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स पिछले 35 दिनों से हड़ताल पर हैं। सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही। मिड डे मिल , आशा वर्कर्स, गेस्ट टीचर, वोकेशनल टीचर और भी कर्मचारियों के तबके जायज मुद्दो को लेकर सड़कों पर हैं। सरकार समाधान की बजाय दमन पर उतारू है।
सीटू नेताओं ने मांग कि है कि सरकार एस्मा लागू करने के निर्णय को तुरंत वापस ले ओर डॉक्टर्स सहित राज्य में चल रहे आंदोलनो की मांगो का समाधान करे। संगठन ने तमाम कर्मचारी व मजदूर संगठनों और तमाम न्यायपसन्द नागरिकों से इस कार्यवाही ले खिलाफ आवाज उठाने की अपील की है।
जारीकर्ता
लच्छी राम शर्मा
जिला सचिव, सीटू पंचकूला
मो.8901123772


