भारी मशक्कत और दिन भर इंतजार के बाद बीएलओ को नहीं मिला कोई ठोस जवाब….
चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा जो अतिरिक्त कार्य बीएलओ के ऊपर डाला गया है उसके विरोध में बीएलओ ने मिलकर एसडीएम से गुहार लगाई थी लेकिन कोई ठोस जवाब ना मिलने के कारण उन्होंने 17 सितंबर 2021 को घेरा था एसडीएम ऑफिस। बीएलओ मुकेश कमल, रमणीक सिंह, अनुराधा, कुलबीर कौर, और विनोद कुमार का कहना है कि समस्या तब शुरू हुई जब एसडीएम दक्षिण ने डोर टू डोर सर्वे चुनाव कार्य करने का आदेश जारी किया और वह भी अपने कार्यालय समय से अतिरिक्त। कार्यभार इतना अधिक होने की वजह से वह अपने मेन कार्य पर ध्यान नहीं दे पा रहे। उनका कहना है कि प्रशासन उनके ऊपर नाजायज दबाव बना रहा है। और प्रशासन ने हमारे ऊपर ड्यूटी के समय के इलावा कोविड कि ड्यूटी का भार और डोर टू डोर सर्वे का जिम्मा भी डाल दिया है। जिससे सभी बीएलओ के अंदर इतना आक्रोश भर गया है कि वह आंदोलन और धरना जैसी नीतियां अपनाने पर मजबूर हो गए हैं।
अपनी इन्हीं सभी मांगों को लेकर सभी बीएलओ ने मिलकर डीसी के नाम मांग पत्र तैयार किया था, जोकि डीसी के ना मिलने पर एडीसी को दिया गया था। एडीसी ने कहा था कि वह इस विषय पर डीसी साहब से चर्चा करेंगे। यह कहकर एडीसी ने सभी बीएलओ को जाने के लिए कहा गया था।
परंतु दिनांक 20 सितंबर 2021 तक इस विषय को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई। जिसके कारण मजबूर होकर सभी बीएलओ ने मिलकर डीसी कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। बीएलओ मुकेश कमल ने कहा कि चंडीगढ़ प्रदेश के अंदर एक उपायुक्त है तो आदेश अलग-अलग क्यों, इतनी मशक्कत के बाद भी हमें कोई परिणाम अभी तक नजर नहीं आ रहा। सभी बीएलओ सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक डीसी कार्यालय के बाहर इंतजार करते रहे, लेकिन किसी भी अधिकारी के पास इतना समय नहीं था कि वह हमारी बात सुने। आखिर प्रशासन इतनी जोर जबरदस्ती हमारे साथ क्यों कर रहा है।


