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पंचकूला: आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा (सीटू) ने 8 अक्टूबर को करनाल में आशाओं का घेराव करने का फैसला……..

उक्त फैसला आज यूनियन के राज्य प्रतिनिधिमंडल की सरकार के साथ वार्ता के बाद लिया गया। गौरतलब रहे राज्य में पिछले करीब 2 महीने से आंदोलनरत हैं। आज मांगो पर वार्ता के लिए यूनियन को बुलाया था। इस वार्ता में मुख्यमंत्री के ओ एस डी एवम् पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी, अनिल राय, स्वास्थय मिशन निदेशक प्रभजोत सिंह, शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राज्य अध्यक्ष प्रवेश, महासचिव सुरेखा कर रही थी। सीटू प्रदेश महासचिव जय भगवान भी वार्ता में शामिल थे। यूनियन नेता सुनीता, सुधा, नीलम, अंजू, रानी, अनीता, सरबजीत, कमलेश, मीरा प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।
यूनियन नेताओं ने कहा कि राज्य में 20000 आशा वर्कर्स आंदोलन पर है। आज वार्ता में सरकार के प्रतिनिधियों ने तमाम मांगो पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि हम तमाम मांगो बारे स्वास्थय मंत्री व मुख्यमंत्री से बात करेंगे व स्वीकृत मांगो का नोटिफिकेशन जारी करेंगे। इसके लिए एक सप्ताह का समय दिया जाए।

यूनियन नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार का रुख कोराना योद्धाओं के साथ बिल्कुल भी संवेदनशील नहीं है। कोविड- 19 से बचाव में आशा वर्करस स्वास्थ्य विभाग में बुनियादी भूमिका निभा रही है। वे जान जोखिम में डाल कर कोविड को रोकने का काम कर रही है। यूनियन नेताओं ने कहा कि राज्य भर में आशाओं के धरने जारी रहेंगे। सरकार को 7 अक्टूबर तक का समय दिया जा रहा है। यदि इस बीच मांगो बारे नोटिफिकेशन नहीं आता है तो 8 अक्टूबर को राज्य भर की आशा वर्कर्स करनाल में घेरा डालेंगे।
वार्ता में

जारीकर्ता
जय भगवान
महासचिव सीटू हरियाणा
9416517306
8708327229

मुख्य मांगे:-

1. जनता को गुणवता स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने हेतू सरकारी स्वास्थ्य के ढ़ाचें को मजबूत किया जाए व एनएचएम को स्थाई किया जाए।
2. आठ एक्टिविटी का काटा गया 50 प्रतिशत पैसा जो 2019 तक मिलता रहा था इसे तुरंत वापस लागू किया जाए।
3. कोविड-19 में काम कर रही आशाओं को जोखिम भत्ते के तौर पर 4000 दिए जाएं। कोविड-19 के लिए केन्द्र की ओर से दिए जा रहे 1000 प्रोत्साहन राशि का 50 प्रतिशत राज्य का शेयर दिया जाए।
4. गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटना के शिकार आशाओं को सरकार के पैनल अस्पतालों में इलाज की सुविधा दी जाए ।
5. आशाओं को समुदायिक स्तरीय  स्थाई कर्मचारी बनाया जाए।  जब तक पक्का कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन दिया जाए और इसे महंगाई भत्ते के साथ जोड़ा जाए।  ईएसआई एवं पीएफ की भी सुविधा दी जाए।
6. आशा वर्कर्स को हेल्थ वर्कर का दर्जा दिया जाए।
7. 21 जुलाई 2018 को जारी किए गए नोटिफिकेशन के सभी बचे हुए निर्णय को लागू किया जाए।