थाने में न्याय ना मिलने पर पीड़ित महिला ने लगाई एसएसपी ऑफिस में गुहार
निवेदन यह है कि मैं सोनिया जायसवाल पत्नी संदीप जायसवाल मकान नंबर 3128 सेक्टर 46 C में रहती हूं। मैं प्राइवेट नौकरी करती हूं। मेरे पति 12 साल से कैंसर पेशेंट है। और पिछले 2 सालों से बेड पर हैं। लॉकडाउन में पता चला कि उनकी किडनी भी सिर्फ 26% ही काम कर रही है। पहले तो मेरे ससुराल वालों ने झूठ बोलकर साल 2008, 24 नवंबर को शादी कर दी। इसके बावजूद वह मुझे ताने देते रहे कि हम खिलाते हैं। और उल्टा सीधा मेरे मायके वालों को भी बोलते रहे। मुझसे घर का किराया बिजली पानी का बिल भी लेते थे। जिसके कारण मैं साल 2017, 2 अप्रैल को उनसे अपने पति के साथ अलग रहने चली गई। मैं पहले ससुराल वालों के साथ चुपचाप रहती रही। मेरे पति शारीरिक रूप से सक्षम नहीं थे। जो वैवाहिक जीवन की जरूरतें पूरी कर सकें, इसी बात का फायदा उठाकर शादी के 4 साल बाद मेरे नंदोई चंद्रशेखर ने एक दिन अपने घर पर मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे साथ जबरदस्ती की। मैंने रोका भी परंतु उसने कहा कि मेरी तुझ पर शुरू से नजर थी अगर तूने किसी को बताया तो मैं तेरे घर वालों से कह कर तुझे घर से निकलवा दूंगा, और मुझे बदनाम करने की धमकी देता रहा, क्योंकि मेरे ससुराल वाले उसके कहने पर ही चलते हैं। इसी तरह वह 8 सालों से मेरे साथ अपनी मर्जी के मुताबिक संबंध बनाता रहा। अब जब मैंने आवाज उठाई तो उसने सारे ससुराल वालों को अपनी तरफ मिला लिया और उनसे मुझे गंदी गंदी गालियां भी दिलवाता है। जैसे वैश्या, रंडी आदि। अपनी बीवी को मेरे घर लाकर मुझे पिटवाया भी। मैंने 100 नंबर पर 12 जुलाई को फोन मिलाया, तो मेरे हाथ से फोन छीन लिया। मेरे पति 31 जुलाई को हॉस्पिटल में तबीयत खराब होने की वजह से दाखिल करवाए गए, जिनके साथ मैं दिन रात हॉस्पिटल में रही, और 6 अगस्त को छुट्टी मिली और हम घर आ गए। मुझे मेरे पति से भी बहुत गालियां पड़वाई और भड़का कर उनको भी अपनी तरफ मिला लिया। मैंने बहुत ज्यादा तंग होने के कारण घर पर पड़ी नींद की दवाइयां उसी दिन खाली और पता नहीं मैं कब बेहोश हो गई। मेरी किसी ने मदद नहीं की। मैं 10 अगस्त को जब होश में आई तो मुझे पता चला कि मेरे सारे जेवर समान अलमारी से गायब थे। यह बात मेरे पति ने मुझे बताइ। इन 4 दिनों तक मैं बाथरूम में पड़ी रही, किसी ने मेरा कोई इलाज नहीं करवाया और ना ही मदद की। मेरे साथ बेहोशी में भी मारपीट की, मेरे पति ने बताया कि आरती (उनकी बहन), मेरी सास सरोज और चंद्रशेखर सारा गोल्ड, शादी की एल्बम उठाकर ले गए। मैं 10 तारीख को अपनी ननंद के घर अपना सामान मांगने गई तो उसने और चंद्रशेखर ने मुझे फिर मारने की कोशिश की पर पुलिस ने डांटा तो वह पीछे हट गए बाद में कहने लगे कि हम समान घर भिजवा देंगे। मेरी ननंद ने पुलिस बुलाई थी तो पुलिस मुझे 45 चौकी में ले गई। वह सब मकान नंबर 1009/ 2 सेक्टर 45 B बुड़ैल में रहते हैं। उन्हें चौकी नहीं ले जाया गया क्योंकि वह कौरनटाइन किए गए थे। अब वह सारे झूठे इल्जाम मुझ पर लगा कर खुद को बचाना चाहते हैं और भड़का कर मेरे पति को भी ले गए हैं। मेरे पति को मेरी सास अपने साथ 11 अगस्त को रात 8:30 बजे ले गई। उसकी मदद के लिए भी बीजेपी ऑफिस से बंदे भेजे गए क्योंकि मेरा नंदोई जनरल सेक्टरी चंडीगढ़ बीजेपी भी है, और अपनी राजनीतिक शक्ति का फायदा उठा रहा है। अब वह लोग कह रहे हैं कि मैं अपने पति की अच्छी तरह से देखभाल नहीं करती जो कि बिल्कुल झूठ है। मैंने महिला मोर्चा बीजेपी और चंडीगढ़ प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद को भी फोन किया परंतु वह कहने लगे हमें कुछ समय दो और अब वह फोन नहीं उठाते। मैं इस शहर में अकेली हूं मेरी आपसे विनती है कि मेरे जेवर समान कैश मुझे वापस मिले और चंद्रशेखर के खिलाफ सख्त से सख्त बनती कार्रवाई की जाए।