झोलाछाप डॉक्टर कर रहे खिलवाड़ कॉलोनी निवासियों की जिंदगी के साथ
मलोया कॉलोनी के अंदर कुछ झोलाछाप डॉक्टर अपने आप को भगवान समझने लगे हैं जो बिना किसी डिग्री के लोगों को अंग्रेजी दवाइयां बिना कुछ सोचे समझे दे देते हैं और वहां के लोग इतने मासूम है कि इन झोलाछाप डॉक्टर के ऊपर पूरी तरह से विश्वास कर लेते हैं इन लोगों के पास जो डिग्री है वह असली है या नकली उसकी भी जानकारी किसी को नहीं है और अस्पताल प्रशासन अधिकारी भी इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं
कल एक डॉक्टर जिसको मिलाया कॉलोनी में बंगाली डॉक्टर के नाम से जाना जाता है उनसे पूछा गया कि आप कितने साल से काम कर रहे हैं तो उन्होंने बड़े गर्व के साथ कहा कि 20 साल से काम कर रहा हूं लेकिन उन्हें सिमटम के बारे में कुछ नहीं पता था की सिमटम किसे कहते हैं जिस डॉक्टर को लक्षण के बारे में नहीं पता वह डॉक्टर किसी मरीज का किस तरह से चेकअप करते होंगे ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ शायद पहले भी कोई कार्रवाई शुरू हुई थी लेकिन यह मुद्दा जल्द ही दबा दिया गया था
डॉक्टर साहब ने अपनी पढ़ाई 12वीं तक बताई और बताया कि मैंने 12वीं कक्षा में मेडिकल लिया हुआ था परंतु मेडिकल के बारे में डॉक्टर साहब को जानकारी नहीं थी ऐसे लोगों को पहले वैध के नाम से जाना जाता था लेकिन वही लोग अब वैध कहलाना पसंद नहीं करते और अपने नाम के साथ डॉक्टर शब्द जोड़ लेते हैं जब डॉक्टर साहब की नजर कैमरे पर पड़ी तब डॉक्टर साहब ने कहा कि आप को वीडियो बनाने से क्या मिलेगा इसे बंद कर दीजिए हम बैठ कर बात कर लेते हैं ऐसे लोगों के पास पैसे की कोई कमी नहीं होती और यह लोग हर अधिकारी को खरीदने की कोशिश करते हैं लेकिन कुछ लोग बिक जाते हैं और कुछ लोग इसे मुद्दा बनाकर आगे बढ़ा देते है कुछ डॉक्टर तो इस बात से नाराज थे की उनसे उनकी डिग्री के बारे में पूछा गया
इस मुद्दे को लेकर कुछ पत्रकार आज सेक्टर 16 हॉस्पिटल पहुंचे वहां पर हस्पताल के एसएमओ और डायरेक्टर साहब से इस मुद्दे पर बात करने की कोशिश की गई परंतु डायरेक्टर साहब किसी मीटिंग में व्यस्त थे जिसके कारण उनसे इस विषय में कोई बातचीत नहीं हो पाई लेकिन इस विषय को लेकर दोबारा आवाज उठाई जाएगी