लीफोर्ड हेल्थकेयर लिमिटेड ने विश्व डायबिटीज दिवस पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया….
लुधियाना, 15 नवंबर, 2025: लीफोर्ड हेल्थकेयर लिमिटेड ने बालिगों में डायबिटीज की रोकथाम और जल्द इंटरवेंशन को मज़बूत करने के उद्देश्य से एक कम्युनिटी-केंद्रित जागरूकता कार्यक्रम के साथ विश्व डायबिटीज दिवस मनाया। देव रतन ट्रस्ट और प्रमुख चिकित्सा विशेषज्ञों के सहयोग से लीफोर्ड हेल्थकेयर की सीएसआर पहल के एक भाग के रूप में आयोजित इस कार्यक्रम में लगभग 150 प्रतिभागियों ने डायबिटीज मैनेजमेंट और जीवनशैली में बदलाव पर एक गहन एजुकेशनल वर्कशॉप में भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को पोषण, व्यायाम, जल्द पहचान और दैनिक सेल्फ-केयर पर व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान करना था। सेशंस में इस बात को भी सामने लाया गया कि कैसे जीवनशैली में बदलाव मधुमेह और उसकी जटिलताओं के जोखिम को कम कर सकते हैं, साथ ही आहार संबंधी आदतों और स्वास्थ्य योजना पर विस्तृत कंसल्टेंशस भी दी गईं। सचेत दिनचर्या, तनाव प्रबंधन तकनीकों और नियमित चैकअप्स के महत्व पर प्रेजेंटेशंस भी आयोजित किए गए।
विशेषज्ञों ने मधुमेह रोगियों द्वारा सामना की जाने वाली मोबिलिटी संबंधी अक्सर नजरअंदाज की जाने वाली चुनौतियों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया, और बताया कि न्यूरोपैथी, खराब ब्लड सर्कुलेशन, जोड़ों में अकड़न और मांसपेशियों की कमज़ोरी गतिशीलता में बाधा डाल सकती है और गिरने का जोखिम बढ़ा सकती है। इन चिंताओं को दूर करने के लिए, उन्होंने स्थिरता में सुधार, दर्द को कम करने और सुरक्षित शारीरिक गतिविधि को सक्षम करने के लिए घुटने के सहारे (knee supports), टखने के ब्रेसेस (ankle braces) और लम्बर बेल्ट्स जैसे आर्थोपेडिक सहायक उपकरणों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया गया।
भारत में मधुमेह की महामारी पिछले दशकों में आसमान छू गई है। आईसीएमआर-आईएनडीआईएबी की स्टडी से पता चलता है कि इसके मामले 2000 में 32 मिलियन से बढ़कर आज 101 मिलियन हो गए हैं। इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि युवा वयस्कों में टाइप-2 डायबिटीज के मामले बढ़ रहे हैं, जो आरामतलब लाइफस्टाइल, मोटापा, पारिवारिक इतिहास और कार्बोहाइड्रेट-युक्त खानपान के कारण हैं।
इस कार्यक्रम में बोलते हुए, डॉ. धीरज अग्रवाल, एमबीबीएस, एमडी, डीएनबी, एशियन हॉस्पिटल, लुधियाना ने कहा, “इतनी बड़ी महामारी बनने के बावजूद, लोग इस बात से अनजान हैं कि मधुमेह अक्सर तब तक अज्ञात रहता है जब तक कि इससे जुड़ी हुई स्वास्थ्य दिक्कतें सामने न आ जाएं। अधिकांश व्यक्तियों के लिए, मधुमेह का प्रबंधन या रोकथाम नियमित जीवनशैली अनुशासन से शुरू होती है। संतुलित आहार अपनाना, नियमित शारीरिक गतिविधि में शामिल होना, स्वस्थ वजन बनाए रखना और नियमित रक्त शर्करा जाँच जैसे सरल उपाय दीर्घकालिक जटिलताओं को काफ़ी हद तक कम कर सकते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “जिन लोगों को मधुमेह से संबंधित जोड़ों के दर्द या न्यूरोपैथी के कारण पहले से ही मोबिलिटी यानि चलने-फिरने संबंधी समस्याएं हैं, उनके लिए उपयुक्त आर्थोपेडिक उपकरण स्थिरता में सुधार, सुरक्षित गतिशीलता में सहायता और लोगों को शारीरिक रूप से सक्रिय रहने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद कर सकते हैं।”
श्री अमित गुप्ता, फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर, लीफोर्ड हेल्थकेयर लिमिटेड ने कहा कि “अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहलों के माध्यम से, हमारा हमेशा से यह मानना रहा है कि सार्थक स्वास्थ्य सेवा जागरूकता, एक्सेस और सामुदायिक भागीदारी से शुरू होती है। हमारा विश्व मधुमेह दिवस कार्यक्रम उन लोगों तक पहुंचने का एक प्रयास था जो उच्च जोखिम में होने के बावजूद, अक्सर नियमित स्वास्थ्य शिक्षा के दायरे से बाहर रहते हैं। भारत भर में, विशेष रूप से युवा वयस्कों में, मधुमेह के तेज़ी से बढ़ते मामलों को देखते हुए, हमने महसूस किया कि समुदाय तक सीधे प्रमाण-आधारित गाइडेंस पहुंचाना बेहद ज़रूरी है।”
ऑर्थोपेडिक और मोबिलिटी सॉल्यूशंस में अग्रणी होने के नाते, लीफोर्ड हेल्थकेयर लिमिटेड, सामान्य सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि वाले उन व्यक्तियों के लिए प्रिवेंटिव हेल्थकेयर एजुकेशन आसानी से उपलब्ध करवाने में अग्रणी रहा है, जिनके पास अक्सर समय पर जांच कराने के लिए संसाधनों या जागरूकता का अभाव होता है। शुरुआती स्तर पर ही इलाज, इंटरवेंशन और जीवनशैली-आधारित रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करके, इस तरह की पहल कंपनी की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत सामुदायिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।


