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पूरे देश में 10 जुलाई को पूरे श्रद्धा और आत्मीय भाव से कन्या संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जा रहा दातीजी महाराज का जन्मदिन….

चंडीगढ़ । देश का इतिहास साधू-संतों और महापुरुषों की ऐसी-ऐसी गाथाओं से भरा पड़ा है, जिनकी वजह से पूरी दुनिया में भारत न केवल विश्व गुरु का दर्जा प्राप्त होने की ओर अग्रसर है, बल्कि इन्हीं महापुरुषों और साधू-संतों के आशीर्वाद से भारत एक सूत्र में बंधकर एकता व अखंडता की मिसाल कायम कर रहा है। इसी भारतवर्ष में एक संत हुए स्वामी निजस्वरूपानंद पुरी महाराज, जिनका पूरा जीवन मानव कल्याण, धर्म की रक्षा, गायों के पालन-पोषण और बेटियों को बचाने से लेकर उनकी पढ़ाई-लिखाई और शादी-ब्याह के साथ उन्हें रोजगार प्रदान कराकर अपने पैरों पर खड़ा करने को समर्पित है।

स्वामी निजस्वरूपानंद पुरी महाराज को उनके अनुयायी दातीजी महाराज के नाम से भी जानते हैं। दातीजी महाराज का 10 जुलाई वीरवार को जन्मदिन है। दुनिया और देश में विभिन्न स्थानों पर मौजूद दातीजी महाराज के भक्त उनका जन्मदिन कन्या संरक्षण दिवस के रूप में मना रहे हैं। इस दिन दो मुख्य आयोजन श्रीशनिधाम दिल्ली और श्रीशनिधाम पाली (राजस्थान) में होंगे। श्रीसिद्ध शक्तिपीठ शनिधाम दिल्ली के असोला-फतेहपुर बेरी में स्थित है। यह मंदिर महरौली से लगभग नौ किलोमीटर दूर है, जहां भगवान शनिदेव की एक विशाल मूर्ति प्रतिष्ठापित है। अष्टधातुओं से बनी इस मूर्ति को दुनिया की सबसे बड़ी शनि भगवान की मूर्ति होने का गौरव प्राप्त है।

दातीजी महाराज देश के उन चुनिंदा संतों-महापुरुषों में शामिल हैं, जिन्हें भारत सरकार की ओर से अयोध्या में भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की शोभा बढ़ाने का निमंत्रण प्राप्त हुआ था। उनका पूरा जीवन गायों की सेवा के लिए समर्पित है। दिल्ली और राजस्थान में दातीजी महाराज कई गोशालाओं का संचालन करते हैं। अपने धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ और ज्योतिष ज्ञान की वजह से जो भी अर्थ प्राप्त होता है, उसे बेटियों का जीवन बचाने, उनकी पढ़ाई लिखाई और उन्हें विवाह पर खर्च कर देते हैं। गायों के चारे की संपूर्ण व्यवस्था दातीजी महाराज की ओर से गोशालाओं में स्वयं के प्रयासों से की जाती है। स्वामी की अनुयायी अपनी सामर्थ्य अनुसार गायों के ग्रास के लिए अपनी सेवा प्रदान करने की पहल करते हैं।

स्वामी निजस्वरूपानंद पुरी महाराज पिछले 30 सालों से बेटियों का जीवन बचाने की मुहिम में जुटे हैं। वह देश भर के लोगों को कन्या भ्रूण संरक्षण के लिए प्रेरित करते हैं और कन्या भ्रूण हत्या का विरोध करते हुए लोगों को बेटियों का जीवन बचाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। राजस्थान और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने दातीजी महाराज की प्रेरणा को संबल प्रदान करते हुए दाती सुमंगला योजनाएं आरंभ कर रखी हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी दातीजी के बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ अभियान की दिल खोलकर तारीख की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पानीपत से साल 2015 से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की देशव्यापी शुरुआत की थी। तब दातीजी महाराज ने इस कार्य के लिए प्रधानमंत्री की दिल खोलकर तारीफ की थी। उनकी सोच थी कि बेटियों को बचाने, उन्हें पढ़ाने लिखाने और आत्मनिर्भर बनाने की श्रीशनिधाम पीठाधीश्वर की सोच को केंद्र सरकार ने आत्मसात कर पुण्य का काम किया है।

हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और मध्यप्रदेश के प्रमुख राजनीतिज्ञों के अलावा आम श्रद्धालुओं का निरंतर श्रीशनि पीठाधीश्वर की शरण में आवागमन लगा रहता है। दातीजी महाराज अपने यू-ट्यूब चैनल पर श्रीगुरुमंत्र विद दातीजी महाराज के माध्यम से हर रोज लाखों लोगों को जीवन के सूत्र बताते हुए मुसीबतों से बाहर निकालने का मार्ग सुझाते हैं। उनकी एक बात जो सबसे अधिक पसंद की जाती है, वह ये कि यह जरूरी नहीं कि उनकी सलाह अथवा सुझावों को माना जाए। उनके द्वारा सुझाए गए मार्ग पर चलने या नहीं चलने का फैसला लोगों का स्वयं का है। वे चाहें तो अन्यत्र भी मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन जीवन में सफलता का मार्ग एक ही है और वह सत्या, अहिंसा और परोपकार पर आधारित है।

श्रीशनिधाम पीठ के मीडिया एडवाइजर अशोक कुमार और परम अनुयायी अर्जुन कुमार का कहना है कि उनके गुरुजी का जीवन मानवता को समर्पित है। पिछले 29 सालों से दातीजी महाराज का जन्मदिन दाती कन्या भ्रूण संरक्षण दिवस के रूप मनाया जा रहा है, जो आगे भी जारी रहेगा। स्वामी ने अपना अपना पूरा जीवन मानव कल्याण को समर्पित कर दिया है। प्राणी मात्र की सेवा, धर्म की रक्षा और परोपकार स्वामीजी के सूत्र वाक्य हैं। बेसहारा गायों का संरक्षण उनकी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। पिछले तीन दशकों में दातीजी महाराज ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को नई ऊंचाइयां प्रदान की हैं।