श्री सनातन धर्म सभा सेक्टर 45 सी, चंडीगढ़ के खिलाफ राष्ट्रीय हिन्दू शक्ति संगठन और महिला संकीर्तन मंडली ने मंदिर प्रधान पर लगाये गंभीर आरोप….
चंडीगढ़:–श्री सनातन धर्म सभा सेक्टर 45 सी, चंडीगढ़ की महिला संकीर्तन मंडली और मंदिर कमेटी आमने सामने हैं। महिला संकीर्तन मंडली ने राष्ट्रीय हिन्दू शक्ति संगठन के सहयोग से अब मंदिर कमेटी के खिलाफ आर पार की लड़ाई शुरू कर दी है और अपने हक के लिए आवाज़ बुलंद कर दी है।
राष्ट्रीय हिन्दू शक्ति संगठन की प्रमुख मोनिका भारद्वाज ने बताया कि सनातन धर्म मंदिर सेक्टर 45 की कमेटी द्वारा महिला संकीर्तन मंडली को अवैध करार देते हुए मंदिर में कीर्तन करने से मना करना अमान्य है। कमेटी प्रेसिडेंट हर्ष कुमार गुप्ता ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पिछले 18 वर्षों से कीर्तन करती आ रही महिला संकीर्तन मंडली को बिना कोई बातचीत किए एकदम से मंदिर व श्रद्धालुओं के घरों में कीर्तन करने को मना किया जाना महिला संकीर्तन मंडली के लिए किसी झटके से कम नही था। उन्होंने इस बाबत कमेटी से बात करने कभी प्रयास किया। लेकिन कोई हल न निकला, बल्कि संकीर्तन मंडली को बुरा बेइज़्ज़त भी किया। मोनिका भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने इस बाबत एस एस पी आफिस में शिकायत दर्ज कराई। तत्पश्चात स्थानीय पुलिस स्टेशन ने दोनों पक्षों को सेक्टर 34 थाना में बुला कर समझौता करवाया की, एक दिन एक महिला संकीर्तन मंडली और एक दिन दूसरी संकीर्तन मंडली कीर्तन करेगी। समझौता अनुसार जब यह लोग निर्धारित दिन कीर्तन करने पहुंची, तो वहां पहले से ही इनके खिलाफ मंदिर कमेटी और मौजूदा महिला संकीर्तन मंडली पंगा लेने को तैयार बैठी थी। हालांकि मौके पर पुलिस चौकी इंचार्ज भी मौजूद थे। लेकिन उन्होंने हालात देख वो भी मौके से चले गए। मोनिका भारद्वाज और महिला संकीर्तन मंडली की रमन चतुर्वेदी ने बताया कि मंदिर सभा के पदाधिकारी अपनी पावर का गलत इस्तेमाल कर उनकी शिकायत की दबाने पर लगे हैं। उनका कहना है कि वो लोग चाहते है कि मंदिर परिसर को राजनीति से दूर रखना चाहिए और सभी को प्रभु चरणों मे मिलजुल कर प्रेम भाव से रहना चाहिए न कि ओछी और गंदी राजनीति करनी चाहिए। जैसे वो वर्षों से कीर्तन करते आ रहे थे, उन्हें वैसे ही मंदिर में आने दिया जाए और कीर्तन करने दिया जाए।
उन्होंने कहा कि अगर उन्हें इंसाफ नही मिलता और मंदिर में उनके प्रवेश पर लगी पाबंदी भी नही हटाई जाती वो चंडीगढ़ के प्रशासक और डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन सौंपेगे। अगर उन्हें वहां भी इंसाफ नही मिलता तो वो जिला अदालत का दरवाजा खटखटाने से भी गुरेज नही करेंगे।